जबलपुर: अस्पताल की आग संबंधी NOC की अवधि खत्म हो चुकी थी, चार डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी : मंत्री
भोपाल/ जबलपुर. मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि जबलपुर के निजी अस्पताल में आग लगने की घटना की प्रारंभिक जांच के पता चला है कि अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (फायर एनओसी) की अवधि समाप्त होने के साथ ही वहां अग्नि सुरक्षा संबंधी कई कमियां थीं.
मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने अस्पताल के चार डॉक्टर-सह-मालिकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है, और अस्पताल के प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया गया है. सोमवार दोपहर को आग की इस घटना में चार मरीजों सहित आठ लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य लोग घायल हो गए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक डॉक्टर फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
मिश्रा ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (फायर एनओसी) समाप्त हो गया था और अस्पताल की ओर से अग्नि सुरक्षा को लेकर कई कमियां पाई गई हैं. उन्होंने भोपाल में पत्रकारों से घटना को ‘ बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि जबलपुर की घटना में अस्पताल के चार डॉक्टर सह मालिकों के खिलाफ भादंवि की संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने जिन पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनमें अस्पताल के निदेशक और मालिक डॉ निशित गुप्ता, डॉ सुरेश पटेल, डॉ संजय पटेल, डॉ संतोष सोनी और अस्पताल प्रबंधक राम सोनी शामिल हैं.
मिश्रा ने कहा, ‘‘ प्रथम दृष्टया अस्पताल में अग्नि सुरक्षा के संबंध में कई कमियां पाई गईं. अस्पताल की फायर एनओसी समाप्त हो गई थी. संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गयी है, जिसमें स्वास्थ्य और नगर नियोजन के संयुक्त निदेशक और इंजीनियर शामिल हैं, अग्नि सुरक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न मुद्दों पर एक रिपोर्ट दर्ज करेंगे.’’ जबलपुर शहर के नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) अखिलेश गौर ने कहा कि विजय नगर पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में भादंवि की धारा 34 भी शामिल है.
उन्होंने कहा, ‘‘ चारों डॉक्टर फरार हैं. पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए चार दल गठित किए हैं.’’ जबलपुर के जिलाधिकारी इलैयाराजा टी ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज में उपचार करा रहे दो लोगों सहित पांचों घायलों की हालत स्थिर है.’’ उन्होंने सोमवार को कहा था कि पांच घायलों में से दो की हालत गंभीर है और उन्हें जबलपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
अस्पताल में आग लगने से कारण जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें अस्पताल के तीन कर्मचारी हैं. इनकी पहचान महिमा जाटव (23), स्वाति वर्मा (24) और वीर सिंह (30) के रुप में हुई है. चार अन्य मृतकों की पहचान दुर्गेश सिंह (42), तन्मय विश्वकर्मा (19), सोनू यादव (26) और अनुसूया यादव (55) के तौर पर हुई है जबकि एक महिला की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है. अधिकारियों ने बताया कि बिजली के शार्ट र्सिकट के कारण आग लगी. आग की लपटें भूतल से शुरु हुई और फिर उन्होंने पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया.