CAA के नियम एहतियाती खुराक देने की कवायद पूरी होने के बाद तैयार किए जाएंगे: शाह

नयी दिल्ली. पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता शुभेन्दु अधिकारी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया. इस पर शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि इसके बारे में नियम कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक देने की कवायद पूरी होने के बाद तैयार किए जाएंगे.

सीएए के लिए नियम बनाए जाने से इसके कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा. दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित अधिनियम को नियम तैयार नहीं किए जाने के कारण अभी तक लागू नहीं किया गया है. सरकार ने नियम तैयार न कर पाने के लिए महामारी के प्रकोप का हवाला दिया है.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी ने शाह से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लगभग 100 नेताओं की एक सूची भी सौंपी, जो कथित रूप से भर्ती घोटाले में शामिल थे, जिसमें राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया है.

घोटाले में शामिल सभी लोगों को बेनकाब करने के लिए व्यापक जांच की मांग करते हुए अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री को विधायकों सहित कुछ टीएमसी नेताओं के लेटरहेड भी दिए, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर रिश्वत लेकर नौकरियों के लिए कुछ नामों की सिफारिश करने के वास्ते किया गया था.

उन्होंने शाह से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद में उनके कार्यालय में 45 मिनट तक मिलना मेरे लिए सम्मान की बात है. मैंने उन्हें बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार किस तरह शिक्षक भर्ती घोटाले जैसी भ्रष्ट गतिविधियों में पूरी तरह से डूबी है. उनसे सीएए को जल्द से जल्द लागू करने का भी अनुरोध किया.” अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि सीएए को लागू करना पश्चिम बंगाल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जहां बड़ी संख्या में लोग इसके प्रावधानों से लाभान्वित हो सकते हैं.

सीएए 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और 24 घंटे के भीतर 12 दिसंबर को इसे अधिसूचित कर दिया गया था. हालांकि, इसका कार्यान्वयन अटका हुआ है, क्योंकि अभी तक नियम नहीं बनाए गए हैं. सीएए के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हुए थे और आलोचकों का कहना है कि यह मुसलमानों के साथ पक्षपात करता है.

मई में, बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा था कि कोविड महामारी समाप्त होने के बाद कानून को लागू किया जाएगा. यह कानून पड़ोसी देशों-बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के ऐसे उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने की बात कहता है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे.

वहीं, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पत्रकारों से बातचीत में टीएमसी नेता और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनके इशारे के बिना भर्ती घोटाला नहीं हो सकता था. अधिकारी ने कहा कि घोटाले से शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले 80-90 लाख लोगों का करियर बर्बाद हो गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button