हेलफायर मिसाइल: अयमान अल-जवाहिरी के मारे जाने के बाद जिस अमेरिकी हथियार की हो रही चर्चा
वाशिंगटन/न्यूयॉर्क. अलकायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को अमेरिकी ड्रोन हमले में मार गिराने में गुप्त मिसाइलों ”हेलफायर” का इस्तेमाल होने के संकेत मिले हैं क्योंकि हमले के दौरान कोई विस्फोट नहीं हुआ और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अनुसार इसमें किसी आम व्यक्ति की मौत भी नहीं हुई.
ओसामा बिन लादेन के 2011 में मारे जाने के बाद अलकायदा का नेतृत्व संभालने वाले जवाहिरी (71) को स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक सुरक्षित पनाहगाह में कथित तौर पर दो ”हेलफायर” मिसाइलों से मार गिराया गया.
राष्ट्रपति बाइडन ने सोमवार को व्हाइट हाउस से जवाहिरी के मारे जाने की घोषणा करते हुए कहा, ”इस मिशन की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी और अन्य लोगों के हताहत होने के जोखिम की बहुत कम गुंजाइश छोड़ी गई थी. एक सप्ताह पहले, यह पता चलने के बाद कि परिस्थितियां अनुकूल हैं, मैंने मिशन को अंतिम स्वीकृति दी, और यह सफल रहा.
उसके परिवार का कोई सदस्य हताहत नहीं हुआ और किसी आम व्यक्ति को भी नुकसान नहीं पहुंचा.” ”हेलफायर” मिसाइलें विशेष रूप से तैयार की गई होती हैं. इन गुप्त मिसाइलों का इस्तेमाल आतंकवादियों को मारने के मकसद से सटीक हवाई हमले करने के लिए किया जाता है. इन्हें दागे जाने पर विस्फोट नहीं होता और नुकसान भी बहुत कम होता है. साथ ही आम लोगों के हताहत होने की गुंजाइश भी कम होती है. ये व्यक्तियों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती हैं.
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ में 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) और पेंटागन दोनों ने इस हथियार का इस्तेमाल किया है. मिसाइल को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक, सीरिया, सोमालिया, यमन और अन्य स्थानों पर होने वाले अमेरिकी हवाई हमलों में आम लोगों को हताहत होने से बचाने के लिए तैयार किया गया था.
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट में कई अधिकारियों के हवाले से बताया गया था कि ‘हेलफायर’ मिसाइल 2011 की से शुरुआत बनाई जा रही थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि समान क्षमताओं वाली एक मिसाइल को पाकिस्तान के एबटाबाद में अल कायदा नेता बिन लादेन को मार गिराने के “प्लान बी” में रखा गया था.
‘हेलफायर’ मिसाइल को लेकर गोपनीयता के कारण, इसके बारे में कुछ जान पाना मुश्किल है, जिसमें इसके विकास का घटनाक्रम भी शामिल है. सीआईए, पेंटागन और ‘हेलफायर’ मिसाइल निर्माता लॉकहीड मार्टिन कॉर्प ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
हक्कानी नेटवर्क ने काबुल में एक सुरक्षित मकान में जÞवाहिरी के होने की बात छिपाई
आतंकवादी संगठन ‘हक्कानी नेटवर्क’ ने इस बात को छिपाने की कोशिश की कि अल-कायदा सरगना अयमान अल-जÞवाहिरी काबुल में एक सुरक्षित मकान में है. मीडिया की कुछ खबरों में मंगलवार को यह जानकारी दी गई. काबुल के इसी मकान पर अमेरिकी ड्रोन हमले में जÞवाहिरी (71) मारा गया.
अमेरिका पर 9/11 को हुए हमलों की साजिश अल-जÞवाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी. ओसामा बिन-लादेन को अमेरिका ने 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में एक अभियान में मार गिराया था. जÞवाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को घोषणा की कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) द्वारा काबुल में शनिवार शाम किए गए ड्रोन हमले में जÞवाहिरी मारा गया. जÞवाहिरी काबुल स्थित एक मकान में अपने परिवार के साथ छिपा था. ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार, ‘‘ अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद, आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सदस्यों ने यह बात छिपाने की कोशिश की कि अल-कायदा सरगना अयमान अल-जÞवाहिरी काबुल के उसी मकान में था और उसने इस जगह तक लोगों की पहुंच भी प्रतिबंधित कर दी थी. यह मकान कथित तौर पर तालिबान के शीर्ष सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी के एक शीर्ष सहयोगी का है.’’