नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंचीं, चीन के साथ तनाव बढ़ा
ताइपे/बीजिंग/मॉस्को. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार की रात ताइवान पहुंचीं. इसके साथ ही वह स्वशासित द्वीप का दौरा करने वाली अमेरिका की सर्वोच्च अधिकारी बन गई हैं. पेलोसी की यात्रा से चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है.
चीन दावा करता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है. वह विदेशी अधिकारियों के ताइवान दौरे का विरोध करता है क्योंकि उसे लगता है कि यह द्वीपीय क्षेत्र को संप्रभु के रूप में मान्यता देने के समान है.
चीन ने धमकी दी थी कि यदि पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो इसके ‘‘गंभीर परिणाम’’ भुगतने होंगे. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि “ताइवान मुद्दे पर वांिशगटन का विश्वासघात उसकी राष्ट्रीय विश्वसनीयता को नष्ट कर रहा है.” उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से इसका अच्छा नतीजा नहीं होगा…अमेरिका के डराने-धमकाने वाले चेहरे ने इसे फिर से दुनिया की शांति के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में दिखाया है.’’ पेलोसी और उनके प्रतिनिधिमंडल को ले जाने वाला विमान मंगलवार को एक संक्षिप्त पड़ाव के बाद मलेशिया से रवाना हुआ. मलेशिया में उन्होंने प्रधानमंत्री इस्माइल साबरी याकूब के साथ दोपहर का भोजन किया.
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार किया था कि क्या पेलोसी यात्रा करेंगी. यात्रा की आधिकारिक तौर पर समय से पहले घोषणा नहीं की गई थी. ताइपे में ग्रैंड हयात होटल के बाहर अवरोधक लगाए गए हैं, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच पेलोसी के रुकने की उम्मीद है. राजधानी में दो इमारतों पर एलईडी डिस्प्ले पर स्वागत शब्द लिखे गए हैं जिनमें प्रतिष्ठित ताइपे 101 इमारत भी शामिल है. स्वागत शब्दों में लिखा है, “ताइवान में आपका स्वागत है, स्पीकर पेलोसी.”
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनंियग ने मंगलवार को बींिजग में संवाददाताओं से कहा, “अमेरिका और ताइवान ने उकसावे के लिए मिलीभगत की है, और चीन को आत्मरक्षा में कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.” पेलोसी के ताइवान पहुंचने से कुछ समय पहले, चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि चीनी एसयू -35 लड़ाकू जेट ताइवान जलडमरूमध्य को “पार” कर रहे हैं.
यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि ये विमान कहाँ जा रहे थे या उन्होंने क्या करने की योजना बनाई थी. इस बीच, कुछ हैकर्स ने ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर एक साइबर हमला किया, जिससे यह मंगलवार शाम अस्थायी रूप से अनुपलब्ध हो गई. राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि हमले के तुरंत बाद वेबसाइट को बहाल कर दिया गया.
पेलोसी के ताइवान पहुंचते ही चीनी सेना ताइवान जलडमरुमध्य की ओर से बढ़ी : चीनी मीडिया
चीन की आधिकारिक मीडिया ने मंगलवार को खबर दी कि देश की हवाई और जमीनी सेना ताइवान जलडमरुमध्य की ओर बढ़ रही है.
ताइवान जलडमरुमध्य चीन की मुख्य भूमि को ताइवान से अलग करता है. बींिजग ने यह कदम उसकी सख्त चेतावनी के बावजूद अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निम्न सदन हाउस आॅफ रिप्रजेंटेटिव की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद उठाया है.
जैसे ही ताइवान की मीडिया ने पेलोसी के द्वीप पहुंचने की जानकारी दी, वैसे ही चीन की आधिकारिक सोशल मीडिया ने बड़े पैमाने पर सेना के ताइवान जलडमरुमध्य की ओर बढ़ने की जानकारी दी. सोशल मीडिया के हवाले से सरकारी ‘चाइना डेली’ ने खबर दी की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायुसेना के सुखोई-35 लड़ाकू विमान ताइवान जलमरुमध्य को पार कर रहे हैं.
ट्विटर की तर्ज पर बने चीन के स्थानीय सोशल मीडिया मंच ‘वीइबो’ पर तस्वीरें साझा की गई हैं जिसके मुताबिक बख्तरबंद वाहन दक्षिणी चीनी बंदरगाह शहर शियामेन की ओर बढ़ रहे हैं. यह शहर चीन के दक्षिणी पूर्वी तट पर है जो ताइवान की ओर है. एक अन्य ट्वीट में ‘चाइना डेली’ ने बताया कि पीएलए के पूर्वी थिएटर कमान ने कहा कि बल उच्च सतर्क अवस्था में है और ‘‘आदेश मिलते ही दुश्मन का मुकाबला करने को तैयार हैं.’’
चीन नियमित तौर पर किसी विदेशी हस्ती के ताइवान दौरे का विरोध करता रहा है. उसका दावा है कि वह एक चीन की नीति का अनुपालन करता है और जोर देता है कि बाकी देश भी इसका अनुसरण करें. उसका मानना है कि ताइवान मुख्य भूमि का हिस्सा है.
बींिजग में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर पेलोसी ताइवान आती हैं तो अमेरिका को ‘‘ इसकी भारी कीमत चुकानी’’होगी.
चीन की सहायक विदेश मंत्री और प्रवक्त हुआ चुनंियग ने मंगलवार को मीडिया से कहा, ‘‘चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और हित को कमतर करने की जिम्मेदारी अमेरिका की होगी और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी.’’ उन्होंने कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन ‘‘कड़ा कदम उठाएगा.’’
पेलोसी की ताइवान यात्रा : रूस ने चीन के रुख का समर्थन किया
रूस ने अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के जरिये चीन को कथित उकसाने की कोशिश करने को लेकर मंगलवार को कड़ी चेतावनी दी. क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) ने कहा कि इससे तनाव नई खतरनाक स्थिति तक पहुंच सकता है.
उल्लेखनीय है कि पेलोसी मंगलवार को मलेशिया से रवाना हुईं और इसकी वजह से बीजिंग के साथ तनाव बढ़ रहा है, जो स्वशासित द्वीप को अपना हिस्सा मानता है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने चेतावनी दी कि इस तरह के दौरे ‘‘ बहुत ही उकसावे’’वाले हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि ‘‘यह इलाके में स्थिति खराब कर सकते हैं और तनाव बढ़ा सकते हैं.’’
संवाददाताओं के सवाल पर पेस्कोव ने दोहराया कि रूस इस मुद्दे पर चीन के साथ ‘‘एकजुट’’ है. उन्होंने कहा कि ताइवान का मुद्दा बीजिंग के लिए बहुत ही संवेदनशील है. पेस्कोव ने कहा, ‘‘ इस मुद्दे को सम्मान और संवेदनशीलता के साथ निपटने के बजाय अफसोसजनक रूप से अमेरिका ने संघर्ष का रास्ता चुना. इससे अच्छा नहीं होने वाला. हम अफसोस ही व्यक्त कर सकते हैं.’’