सशस्त्र बलों के लिए परिवर्तनकारी योजना है अग्निपथ: राजनाथ

नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि अग्निपथ भर्ती योजना सशस्त्र बलों के लिए एक परिवर्तनकारी पहल है और यह भारतीय सेना को युवा दृष्टिकोण के साथ दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बलों में से एक बनाने में मदद करेगी. उन्होंने एक कार्यक्रम में अपने आनलाइन संबोधन में कहा कि यह योजना सशस्त्र बलों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक प्रौद्योगिकी-प्रेमी, अच्छी तरह से सुसज्जित और युद्ध के लिए तैयार इकाई में बदलने में मदद करने वाली है.

रक्षा मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय तथा सेना के तीनों अंगों ने अग्निवीरों के सशस्त्र बलों में सेवा करते हुए उनकी निरंतर शिक्षा की सुविधा के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के साथ हुए इन एमओयू के तहत प्रासंगिक पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले अग्निवीरों को 12वीं कक्षा का प्रमाण पत्र और स्रातक की डिग्री प्रदान की जाएगी.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अग्निवीरों को सशस्त्र बलों से बाहर निकलने के समय ‘कौशल प्रमाण पत्र’ जारी किया जाएगा.

सिंह ने कहा कि इन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर के बाद अग्निवीर अपनी शिक्षा को समय पर पूरा करने और अतिरिक्त गुण एवं कौशल विकसित करने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा कि जब अग्निवीर इन सभी गुणों से लैस होकर समाज में लौटेंगे तो वे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे.

सिंह ने कहा कि वे अपनी शिक्षा, कौशल, अनुशासन और अन्य गुणों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देकर पूरे समाज के लिए फायदेमंद होंगे. सिंह ने विभिन्न सेवाओं में अग्निवीरों को समर्थन देने के लिए गृह मंत्रालय, रेलवे, विभिन्न राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र की सराहना की.

उन्होंने अन्य मंत्रालयों, राज्य सरकारों और कॉर्पोरेट क्षेत्र से भी अधिक उत्साह के साथ आगे आने और अग्निवीरों को यथासंभव नए अवसर प्रदान करने का आ’’ान किया. पिछले साल 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना के तहत, सेना के तीनों अंग साढ़े 17 साल और 21 साल के बीच के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती करेंगे, जिनमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है.

वर्ष 2022 के लिए, ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है. भारत के कई हिस्सों में इस योजना के खिलाफ ंिहसक विरोध देखा गया था. आंदोलनकारियों ने इसे वापस लेने की मांग की थी. हालांकि, विरोध कुछ हफ्तों के भीतर फीका पड़ गया था. कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि समझौता ज्ञापन/समझौते सेवारत अग्निवीरों को अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाएंगे.

उन्होंने कहा कि एनआईओएस उन्हें 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद करेगा, जबकि विश्वविद्यालय में नामांकित अग्निवीर सामान्य उच्च अध्ययन के 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम को पूरा कर सकते हैं, और बाकी क्रेडिट रक्षा संस्थानों द्वारा प्रदान किए गए कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से अर्जित किया जा सकता है. कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष और सेना के तीनों अंगों के प्रमुख भी शामिल हुए.

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