भारोत्तोलक लवप्रीत सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण में कांस्य पदक जीता

बर्मिंघम/नयी दिल्ली. भारत के लवप्रीत सिंह ने बुधवार को यहां पुरूषों की 109 किग्रा स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया जिससे राष्ट्रमंडल खेलों में देश को भारोत्तोलन से पदक मिलना जारी है. अमृतसर में एक दर्जी के बेटे लवप्रीत ने कुल 355 किग्रा का वजन उठाया जो उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है. इसमें 24 साल के भारोत्तोलक ने क्लीन एवं जर्क में 192 किग्रा का भार उठाकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी अपने नाम किया जिससे वह पोडियम में तीसरे स्थान पर रहे.

लवप्रीत ने स्रैच में अपने अंतिम प्रयास में 157 किग्र से 163 किग्रा का वजन उठाया जिससे वह कनाडा के पियरे एलेक्सांद्रे बेसेटे के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर पहुंच गये. लेकिन क्लीन एवं जर्क में कड़ी स्पर्धा में वह तीसरे स्थान पर खिसक गये. पूर्व राष्ट्रमंडल जूनियर चैम्पियन लवप्रीत ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह मेरी पहली बड़ी प्रतियोगिता थी और मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर एक पदक जीता. मैं इससे बहुत खुश हूं. ’’ कैमरून के जूनियर नयाबेयेयू ने कुल 361 किग्रा के भार से स्वर्ण पदक जबकि समोआ के जैक ओपेलोगे ने 358 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक हासिल किया.

लवप्रीत अपने पिता के पेशे से जुड़ सकते थे लेकिन उनका परिवार उन्हें खिलाड़ी बनाना चाहता था. इससे उनका खेलों का सफर 13 साल की उम्र में डीएवी मैदान में ट्रेंिनग के साथ शुरू हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी अन्य खिलाड़ी की तरह मुझे भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा जिसमें वित्तीय बाधायें भी शामिल हैं लेकिन मेरे माता-पिता ने सुनिश्चित किया कि मैं आगे बढ़ता रहूं. ’’ इस हेवीवेट भारोत्तोलक का जीवन 2015 में भारतीय नौसेना से जुड़ने के बाद बदल गया और वह पटियाला में राष्ट्रीय शिविर से जुड़ गये.

उन्होंने 2017 राष्ट्रमंडल जूनियर चैम्पियनशिप जीतने के बाद इसी साल एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता.
पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में उनके स्रैच और क्लीन एवं जर्क दोनों में सभी प्रयास सफल रहे जिससे उनकी सहनशक्ति का अंदाजा हो जाता है.

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी पहली बड़ी प्रतियोगिता थी तो निश्चित रूप से मैं दबाव में था. लेकिन पहले प्रयास के बाद दबाव थोड़ा कम हुआ और धीरे धीरे मैं सुधार करता रहा. ’’ वह तीन किलोग्राम से रजत पदक से चूक गये, इस पर लवप्रीत ने कहा, ‘‘मैंने इसके लिये चुनौती दी लेकिन प्रतिस्पर्धा कड़ी थी. यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. ’’ विकास ठाकुर की तरह लवप्रीत ने भी दिवंगत गायक सिद्धू मूसेवाला को श्रृद्धांजलि देते हुए ‘जांघ पर हाथ मारकर’ जीत का जश्न मनाया. उन्होंने कहा, ‘‘यह पदक मैं अपने सभी कोचों, परिवार, माता पिता और देशवासियों को सर्मिपत करता हूं. ’’ भारत ने अब तक भारोत्तोलन में नौ पदक जीत लिये हैं जिसमें तीन स्वर्ण पदक शामिल हैं.

भारतीय भारोत्तोलक लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राष्ट्र को गौरवान्वित कर रहे हैं: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीतने के लिए लवप्रीत सिंह को बधाई दी और कहा कि भारतीय भारोत्तोलक लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और देश को गौरवान्वित कर रहे हैं. पंजाब के 24 वर्षीय लवप्रीत ने क्लीन एवं जर्क में 192 किग्रा के नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड सहित कुल 355 किग्रा भार उठाकर तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक जीता. उन्होंने स्रैच में 163 किग्रा वजन उठाया.

राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय भारोत्तोलक लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और देश को गौरवान्वित कर रहे हैं. राष्ट्रमंडल खेलों में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीतने के लिए लवप्रीत सिंह को बधाई. भविष्य की प्रतियोगिताओं में सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं.’’ भारत भारोत्तोलकन में अब तक तीन स्वर्ण सहित आठ पदक जीत चुका है.

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