केरल: माकपा नेता चेरियन ने ली मंत्री पद की शपथ; कांग्रेस और भाजपा ने किया विरोध-प्रदर्शन
तिरूवनंतपुरम. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के नेता साजी चेरियन ने संविधान के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी को लेकर विवाद पैदा होने पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के करीब छह महीने बाद बुधवार को पिनराई विजयन सरकार में एक बार फिर से मंत्री पद की शपथ ली.
चेरियन को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई, जहां कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ के विधायक माकपा नेता को पुन: मंत्री बनाये जाने के विरोध में अनुपस्थित रहे. विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमशीर, मुख्यमंत्री विजयन, मंत्रिमंडल के सदस्य, सत्तारूढ़ एलडीएफ के कुछ विधायक और वाम दलों के कुछ नेता संक्षिप्त शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उपस्थित थे.
राजभवन में राज्यपाल की मेजबानी में आयोजित चाय पार्टी में शामिल होने के बाद चेरियन केरल सेक्रेटेरियट एनेक्सी स्थित अपने पुराने कार्यालय गये,जहां वह मीडियार्किमयों से मिले और उम्मीद जताई कि उन्हें पुराना विभाग ही मिलेगा. मंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले उनके पास मत्स्य पालन, संस्कृति और युवा मामले विभाग थे. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), दोनों ने चेरियन को दोबारा मंत्री बनाये जाने पर विरोध-प्रदर्शन किया.
चेरियन को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने के खिलाफ काफी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन मार्च किया. कांग्रेस ने विवाद में अदालत से क्लीन चिट मिलने से पहले मंत्री के रूप में चेरियन के शपथ ग्रहण के खिलाफ पूरे राज्य में सिलसिलेवार प्रदर्शन कार्यक्रमों की घोषणा की थी. विरोध मार्च की शुरूआत करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि चेरियन ने मंत्री पद इसलिए छोड़ा था कि उन्होंने संविधान का अपमान किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘अब भी परिस्थितियां नहीं बदली हैं और अदालत ने आज की तारीख तक उन्हें बरी नहीं किया है. उनके खिलाफ मामले मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में लंबित हैं.’’ विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी मंत्रिमंडल में चेरियन को शामिल करने के सत्तारूढ़ माकपा के फैसले के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शन किये.
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने चेरियन के शपथ ग्रहण करने के खिलाफ यहां आयोजित पार्टी के ‘संविधान रक्षा दिवस’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने दावा किया कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि संविधान का अपमान करने को लेकर जिस मंत्री को पद छोड़ना पड़ा था उन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा.
माकपा नेता चेरियन ने पत्तनमथिट्टा जिले में एक भाषण के दौरान संविधान के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणियों को लेकर राज्य मंत्रिमंडल से पिछले साल जुलाई में इस्तीफा दे दिया था. उनके खिलाफ इस सिलसिले में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.