राजौरी में हुई हत्याओं के खिलाफ पुंछ में दूसरे दिन बंद, कठुआ और जम्मू में प्रदर्शन

जम्मू. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में कुछ घंटों के भीतर ही हुए दो आतंकवादी हमलों में छह लोगों की मौत और 11 अन्य के घायल होने के खिलाफ सीमावर्ती शहर पुंछ बुधवार को लगातार दूसरे दिन बंद रहा जबकि पूरे जम्मू क्षेत्र में इन हत्याओं के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि बंद को देखते हुए सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

आतंकवादी हमले के खिलाफ दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान जिले में बंद है और सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सर्द मौसम के बावजूद तख्तियों के साथ सड़कों पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की और टायर जलाए एवं जम्मू क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की. कठुआ जिले में प्रदर्शकारी कालीबाड़ी के नजदीक राजमार्ग पर जमा हुए और सड़क बाधित कर दी जिसकी वजह से एक घंटे तक यातायात प्रभावित रहा.

स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर में परेशानी खड़ी कर रहे पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और पड़ोसी देश का पुतला जलाया. भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उसके खिलाफ र्सिजकल स्ट्राइक की मांग करते हैं ताकि वहां मौजूद आतंकवादी ढांचों को नष्ट किया जा सके.’’

लक्षित हत्या की वजह से घाटी से अन्यत्र स्थानांतरण की मांग कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने राजौरी में हुए दोहरे हमले के खिलाफ जम्मू में मोमबत्ती जुलूस निकाला. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हमने हत्याओं के खिलाफ मोमबत्ती जुलूस निकाला. जम्मू-कश्मीर में हिंदू सुरक्षित नहीं है और सरकार को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.’’ युवा राजपूत सभा ने राजौरी आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करने के लिए यहां पर मोमबत्ती जुलूस निकाला. सभा के नेता ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि वे प्रत्येक हत्या पर जम्मू बंद का आ’’ान करते थे, लेकिन आज वे खामोश हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘इसने उप राज्यपाल प्रशासन के जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद के खात्मे के दावे की पोल खोल दी बल्कि स्थिति 1990 की तरह है जब कश्मीरी पंडितों को हत्याओं की वजह से घाटी से पलायन करना पड़ा था.’’ डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी, जम्मू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, त्रिकूटानगर कारोबारी संघ, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने भी जम्मू में प्रदर्शन किया. उधमपुर, अखनूर, कटड़ा, रियासी, सांबा, किश्तवाड़ और डोडा जिलों में भी कई स्थानों पर राजौरी हमले के खिलाफ प्रदर्शन हुआ. जम्मू और राजौरी के वकीलों ने भी इन हत्याओं के खिलाफ बंद रखा.

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