हिंसा के बाद इंडोनेशियाई फुटबॉल स्टेडियम के द्वार खोलने में देरी के कारण त्रासदी हुई:एसोसिएशन

मलंग(इंडोनेशिया). इंडोनेशिया के एक फुटबॉल स्टेडियम में एक मैच के अंत में भड़की हिंसा के बाद उसके (स्टेडयिम के) द्वार खोलने में देर होने के चलते यह एक त्रासदी में तब्दील हो गई, जिसमें कम से कम 131 लोगों की मौत हो गई थी. फुटबॉल एसोसिएशन आॅफ इंडोनेशिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

एसोशिएशन ने कहा कि उसने मैदान की सुरक्षा करने और द्वार खोलने के लिए शीघ्र आदेश देने में नाकाम रहने को लेकर शनिवार के  मैच अरेमा एफसी की मेजबानी करने वाली टीम के मुख्य अधिकारी एवं सुरक्षा समन्वयक पर स्थायी रूप से पाबंदी लगा दी है. एसोसिएशन के अनुशासन आयोग के प्रमुख इर्विन तोंिबग ने कहा, ‘‘द्वार खुले रहने चाहिए थे, लेकिन वे बंद थे.’’ एसोसिएशन के प्रवक्ता अहमद रियाद ने कहा कि श्रमिकों के अभाव के चलते कुछ लोगों को ही द्वार खोलने का आदेश दिया गया और वे उस वक्त कुछ द्वार तक नहीं पहुंच सके, जब दर्शकों ने पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद भागना शुरू कर दिया. पुलिस ने मैदान में प्रवेश कर गये फुटबॉल टीम के प्रशंसकों को नियंत्रित करने की कोशिश के तहत यह कार्रवाई की थी.

उन्होंने कहा कि मैच समाप्त होने से 10 मिनट पहले सभी द्वार खुले रहने चाहिए थे, लेकिन शनिवार को रेफरी के अंतिम सीटी बजाने के सात मिनट बाद भी कई द्वार बंद थे. इस वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ गई. हालांकि, पुलिस ने मंगलवार को जोर देते हुए कहा कि द्वार खुले हुए थे, लेकिन वे बहुत संकरे थे तथा उससे होकर एक बार में केवल दो लोग ही बाहर निकल सकते थे, जबकि सैकड़ों लोग जान बचा कर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे. फीफा और एशियन फुटबॉल कॉंनफेडरेशन की सिफारिशों के अनुसार, स्टेडियम में निकास द्वार सुरक्षा उद्देश्यों के लिए खेल के दौरान पूरे समय खुले रहने चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button