आधार कार्ड न होने से उपचार से इनकार, गर्भवती महिला की मौत, चिकित्सक व तीन नर्स निलंबित
बेंगलुरु. तुमकुरु में कथित तौर पर उपचार से इनकार किए जाने के बाद एक गर्भवती महिला की मौत के मामले में प्रसूति वार्ड की तीन प्रभारी नर्सों और एक आॅन-ड्यूटी डॉक्टर को लापरवाही के लिए निलंबित करने और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. महिला के गर्भ में जुड़वां बच्चे थे.
मंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जो जांच कर तीन हफ्तों के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी. उन्होंने कहा कि अगर दोषी पाया गया तो निलंबित र्किमयों को बर्खास्त किया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी.
सुधाकर ने कहा, ‘‘तुमकुरु में एक गर्भवती महिला और दो नवजात शिशुओं की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से मैं बेहद दुखी हूं. बीती रात अस्पताल का दौरा कर इस स्तब्ध कर देने वाली घटना का जायजा लेने के बाद इस मामले में जांच और कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं.’’ उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया, प्रसूति वार्ड की तीन प्रभारी नर्स और एक आॅन-ड्यूटी डॉक्टर की लापरवाही पाई गई. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आगे की जांच के साथ उनके तत्काल निलंबन का आदेश दिया है.’’
आरोप है कि डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारियों ने कस्तूरी (30) को कथित तौर पर भर्ती करने से इनकार कर दिया था, जो जुड़वां बच्चों के साथ गर्भवती थीं क्योंकि उसके पास आधार कार्ड या ‘ताई’ (मातृत्व) कार्ड नहीं था, और उसे बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल जाने का सुझाव दिया.
तमिलनाडु की यह महिला मजदूरी करती थी और वह एबुलेंस से बेंगलुरु जाने के लिए रुपये का प्रबंध नहीं कर सकी और बुधवार रात अस्पताल से घर लौट आई. बृहस्पतिवार सुबह उसे प्रसव-पीड़ा शुरू हुई और एक लड़के को जन्म देने के बाद अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई और वह दूसरे बच्चे को जन्म नहीं दे सकी. नवजात की भी बाद में मौत हो गई.