वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव पश्चिम बंगाल में नहीं बिहार में किया गया: ममता
सागर आइलैंड. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव उनके राज्य में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार में किया गया. उन्होंने कहा कि वह उन मीडिया घरानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगी, जिन्होंने घटना के पश्चिम बंगाल में होने की ‘‘झूठी खबर’’ फैलाई.
बनर्जी ने सागर आइलैंड में पत्रकारों से कहा, ‘‘वंदे भारत पर पथराव पश्चिम बंगाल में नहीं बिहार में किया गया. हम उन मीडिया घरानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे जिन्होंने घटना के पश्चिम बंगाल में होने की झूठी खबरें फैलाईं और हमारे राज्य को बदनाम किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वंदे भारत कुछ और नहीं बल्कि एक पुरानी ट्रेन है जिसे नए इंजन के साथ नया रूप दिया गया है. ’’ बनर्जी, आठ जनवरी से शुरू होने वाले गंगासागर मेले की तैयारियों का मुआयना करने दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंची थीं.
रेलवे अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उन्होंने ट्रेन पर पथराव करने वालों की पहचान कर ली है. इस बीच पूर्वी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) एकलव्य चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वीडियो फुटेज की जांच करने के बाद पता लगा कि सोमवार को वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटना मालदा जिले में हुई और मंगलवार को ऐसी ही घटना बिहार के किशनगंज जिले में हुई, दोषियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है.
पहली घटना में दरवाजे पर लगे कांच में दरार पड़ने और दूसरी घटना में खिड़कियों को नुकसान पहुंचने की सूचना है. हालांकि, इन घटनाओं में किसी यात्री को चोट नहीं आई है. चक्रवर्ती ने बताया, ‘‘फुटेज को देखने के बाद हमें पता लगा कि पहली घटना पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में हुई और दूसरी घटना बिहार के किशनगंज जिले में हुई. तस्वीरों की गहन जांच की जा रही है ताकि घटनास्थल और आरोपियों की सटीक पहचान की जा सके.’’ अधिकारी ने बताया कि दोनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि दोबारा ऐसी घटनाएं न हो.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर को हावड़ा और न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशनों के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी और इस मार्ग पर वाणिज्यिक सेवा एक जनवरी से शुरू हुई थी. घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है. भाजपा इस मांग पर कायम है कि इस घटना की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआईए) से कराई जाए.
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘जांच अब तक पूरी नहीं हुई है. हम अपनी मांग पर कायम हैं कि सच्चाई सामने लाने के लिए पूरे प्रकरण की एनआईए से जांच कराई जानी चाहिए.’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे, जिसके बाद बनर्जी ने उस मंच पर जाने से इनकार कर दिया था, जहां से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई थी. तृणमूल कांग्रेस ने सरकारी कार्यक्रम में ‘‘राजनीतिक नारेबाजी’’ की आलोचना की थी जबकि भाजपा नेताओं ने इस मामले को तूल नहीं देने की कोशिश की थी.