अडाणी समूह के शेयरों में हो रही गिरावट एक सामान्य प्रक्रिया: शेखावत
सीतारमण ने कहा, अडाणी के शेयरों में गिरावट सिर्फ एक कंपनी से जुड़ा मामला
भोपाल/नयी दिल्ली. अडाणी समूह के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से निरंतर हो रही गिरावट को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक सामान्य प्रक्रिया बताते हुए रविवार को कहा कि एक निजी कंपनी के शेयर का भारत की अर्थव्यवस्था पर शायद ही कोई लेना-देना होता होगा.
शेखावत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अडाणी प्रकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछने पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक निजी कंपनी के शेयर का भारत की अर्थव्यवस्था पर शायद ही कोई लेना-देना होता होगा. पहले भी कंपनी के शेयर में उतार-चढ़ाव होता रहा है.’’
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसके शेयरों में आ रही गिरावट बाजार की एक सामान्य प्रक्रिया है.” अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर अपने शेयरों के दाम गलत तरीके से बढ़ाने के आरोप लगाए जाने के बाद शेयरों की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है. पिछले दस दिनों में अडाणी समूह का बाजार पूंजीकरण 100 अरब डॉलर से भी अधिक गिर चुका है.
हालांकि अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि उसने सभी कानूनों और नियामकीय प्रावधानों का पालन किया है.
इस बीच, शेखावत ने एक फरवरी को पेश वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की तारीफ करते हुए इसे विकसित भारत की आधारशिला रखने वाला बजट बताया.
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 का सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी बजट प्रस्तुत किया है. अमृतकाल का यह पहला बजट भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने की आधारशिला रखने वाला बजट है. 25 साल बाद भारत जब अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएगा, तब तक भारत जो विकसित राष्ट्र बनेगा, उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में यह बजट मील का पत्थर होगा.’’
शेखावत ने कहा कि कोविड महामारी के कारण दुनिया के सभी देशों की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरगामी दृष्टिकोण का परिणाम है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी है और भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने अभूतपूर्व विकास किया है. हमारे किसानों की मेहनत का परिणाम है कि हम आज दुनिया के 10 सबसे बड़े निर्यातक बन गये हैं.
सीतारमण ने कहा, अडाणी के शेयरों में गिरावट सिर्फ एक कंपनी से जुड़ा मामला
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट को एक कंपनी तक केंद्रित मामला बताते हुए कहा है कि शेयर बाजार को स्थिर रखने के लिए सेबी और रिजर्व बैंक जैसे नियामकों को हमेशा चौकस रहना चाहिए. सीतारमण ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि बैंक एवं बीमा कंपनियों ने किसी एक कंपनी में हद से अधिक निवेश नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि भारतीय बाजारों का नियामक बहुत अच्छी तरह प्रबंधन करते हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक एवं बीमा कंपनियां खुद ही आगे आकर अडाणी समूह को लेकर अपनी स्थिति साफ कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इनका किसी भी एक कंपनी में अधिक पैसा नहीं लगा है. यह बात खुद वही सामने आकर कह रहे हैं.’’ उन्होंने ‘टाइम्स नाऊ’ चैनल से कहा, ‘‘हां, बाजार में कभी-कभार छोटे-मोटे झटके लगते रहे हैं. लेकिन ये नियामक इस तरह के मुद्दों का ध्यान रखते हैं. मेरी स्पष्ट राय है कि हमारे नियामक इस मसले में लगे हुए हैं.’’ अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बीते 10 दिन में भारी गिरावट आई है.
ंिहडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाने के आरोप लगने के बाद इस समूह का बाजार पूंजीकरण 100 अरब डॉलर से अधिक गिर चुका है. हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी कंपनियां सभी कानूनों एवं खुलासा प्रावधानों का पालन करती हैं.
इस मामले में नियामकों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, ‘‘मेरी राय बस यही है कि नियामकों, चाहे वह आरबीआई हो या सेबी, को समय पर काम करना चाहिए और बाजार को स्थिर रखने के लिए काम करना चाहिए. वित्त मंत्रालय में रहते हुए मेरा यही मत है कि नियामकों को हमेशा ही चौकस रहना चाहिए.’’ जब उनसे पूछा गया कि अडाणी समूह के शेयरों में जारी गिरावट क्या सिर्फ एक समूह तक ही सीमित मामला है तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा ही लगता है. मुझे इस मामले का भारत में विदेशी पूंजी प्रवाह पर कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है. पिछले कुछ दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार आठ अरब डॉलर बढ़ गया है.’’