आबकारी मामला : ईडी ने तिहाड़ जेल में सिसोदिया से पांच घटे पूछताछ की
नयी दिल्ली.प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में अपनी जांच के तहत मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से करीब पांच घंटे पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिन पूछताछ जारी रह सकती है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने इस मामले में एक और गिरफ्तारी की है. उसने सोमवार की शाम को हैदराबाद के शराब कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को हिरासत में लिया था. ईडी के अधिकारी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत सिसोदिया का बयान दर्ज करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे. सूत्रों ने बताया कि सिसोदिया से करीब पांच घंटे पूछताछ की गई और एजेंसी बुधवार और बृहस्पतिवार को भी उनसे पूछताछ कर सकती है.
सीबीआई ने 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और वह 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने आम आदमी पार्टी (आप) के 51 वर्षीय नेता से पूछताछ के लिए अदालत से अनुमति ले ली है. सिसोदिया जेल की कोठरी संख्या एक में बंद हैं.
ऐसी संभावना है कि एजेंसी ने उनसे कथित तौर पर सेलफोन बदलने और उन्हें नष्ट करने तथा दिल्ली के आबकारी मंत्री के तौर पर लिए नीतिगत निर्णयों और समयसीमा का पालन किए जाने को लेकर पूछताछ की. ईडी ने अदालत में दाखिल अपने पूरक आरोपपत्र में ये आरोप लगाए थे.
अगर जांच अधिकारी को ‘‘यह मानने की वजहें’’ मिलती हैं कि व्यक्ति धन शोधन के अपराध का ‘‘दोषी’’ है और जवाब में आनाकानी कर रहा है तो ईडी पीएमएलए की धारा 19 लगा सकती है जिसके तहत उसे मामले में शामिल या आरोपी लोगों को गिरफ्तार करने की अनुमति मिल जाती है. सीबीआई ने सिसोदिया की हिरासत के दौरान आबकारी नीति में कथित गड़बड़ी के संबंध में उनका सामना उनके पूर्व सचिव सी. अरंिवद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण से कराया था.
सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को दर्ज किए गए मामले के आरोपपत्र में सिसोदिया को आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया.
ऐसा आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी.
बहरहाल, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है. बाद में यह नीति रद्द कर दी गयी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत आरोपियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया.
इस बीच, अरुण पिल्लई को लंबी पूछताछ के बाद सोमवार शाम को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया. बाद में दिल्ली की एक अदालत ने पिल्लई को 13 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.
ईडी द्वारा इस मामले में यह 11वीं गिरफ्तारी है.
पिल्लई ‘रॉबिन डिस्टिलरीज एलएलपी’ नामक कंपनी में साझेदार हैं. ईडी ने दावा किया कि यह कंपनी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी एवं विधान परिषद सदस्य के. कविता और अन्य से जुड़े कथित शराब कार्टल ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व करती है. पिल्लई गिरफ्तार शराब कारोबारी समीर महंदरू, उनकी पत्नी गीतिका महंदरू और उनकी कंपनी इंडोस्पिरिट ग्रुप से भी जुड़ा है.