कुतुब मीनार परिसर के गणेश प्रतिमाओं को सम्मानपूर्वक रखा जाएं: राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण

नयी दिल्ली. राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी नेता तरुण विजय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुतुब मीनार परिसर में “अपमानजनक” तरीके से रखी गई गणेश मूर्तियों को या तो हटा दिया जाना चाहिए या उन्हें “सम्मानपूर्वक” स्थापित किया जाना चाहिए.

पूर्व सांसद विजय ने कहा कि उन्होंने एक साल से भी अधिक समय पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन अभी तक उनके पत्र का कोई उत्तर नहीं मिला है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “मूर्तियों को अभी काफी अपमानजनक जगह पर रखा गया है… मूर्तियों को हटा दिया जाना चाहिए या कुतुब परिसर के अंदर सम्मानपूर्वक रखा जाना चाहिए.”

उन्होंने एक ट्वीट में सवाल किया कि उन 27 मंदिरों का क्या हुआ, जिनके बारे में माना जाता है कि वे परिसर के अंदर स्थित थे. उन्होंने ट्वीट में कहा, “… ंिहदुओं को अपमानित करने के लिए गणेश मूर्ति को क्यों उल्टा रखा गया. तीर्थंकर, यमुना, दशावतार, कृष्ण का जन्म और नवग्रह की मूर्तियां कभी आगंतुकों को नहीं दिखाई गईं.” भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह की गलतियों को सुधारना “उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ने” का एक तरीका है.

भगवान गणेश की दो मूर्तियाँ – “उल्टा गणेश” और “ंिपजरे में गणेश” – 12 वीं शताब्दी के स्मारक के परिसर में स्थित हैं. यूनेस्को ने 1993 में इसे विश्व धरोहर स्थल नामित किया था. विजय ने कहा, “जो हुआ, वह सांस्कृतिक नरसंहार है और इसे पलटना होगा.” स्मारक का संरक्षक एएसआई ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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