‘आप’ नेता गौतम ने मोदी, योगी का इस्तीफा मांगा, दलितों की रक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया

नयी दिल्ली. धर्मांतरण संबंधी एक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति को लेकर उपजे विवाद के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राजेंद्र पाल गौतम ने देश में दलितों के खिलाफ अपराध रोकने में कथित रूप से नाकाम रहने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला.

गौतम ने नरेंद्र मोदी को ‘कमजÞोर प्रधानमंत्री’ बताया और उनका इस्तीफा मांगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश में अगड़ी जाति के व्यक्तियों द्वारा एक दलित शख्स की कथित रूप से पिटाई की घटना को लेकर वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी इस्तीफा मांगा.
गौतम ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ इन जातिवादी घटिया हरकतों को रोकिये नरेंद्र मोदी जी ! अन्यथा आप इस्तीफा दीजिए. …और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तो कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह विफल हैं. मैं जनता हूं कि आप इतने कमजोर प्रधानमंत्री हैं कि उनसे इस्तीफा भी नहीं ले सकते ! आप चिन्ता न करें, मेरा बहुजन समाज जवाब देगा.’’

उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर घटना का एक कथित वीडियो भी साझा किया जिसमें कुछ व्यक्ति एक शख्स को अपशब्द कहते हुए पीट रहे हैं. आरोप है कि हमलावर अगड़ी जाति के हैं जबकि पीड़ित दलित है. दिल्ली के पूर्व समाज कल्याण मंत्री गौतम ने धर्मांतरण कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर हुए विवाद के बीच रविवार को अरंिवद केजरीवाल नीत मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. कार्यक्रम में कथित तौर पर हिंदू देवताओं की ंिनदा की गई थी.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान आप प्रमुख अरंिवद केजरीवाल पर हमला करने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया और उन पर “हिंदू विरोधी” होने का आरोप लगाया है. मंत्री के तौर पर गौतम के पास समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग का जिम्मा था. वह सीमापुरी से विधायक हैं. गौतम ने कहा था कि वह मंत्री पद से इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं ताकि उनकी वजह से उनके नेता केजरीवाल व ’आप’ पर कोई आंच नहीं आए.

सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. पिछले हफ्ते एक वीडियो वायरल होने के बाद विवाद शुरू हो गया. यह पांच अक्टूबर को हुए एक कार्यक्रम का वीडियो था जिसमें गौतम ने शिरकत की थी. कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने और हिंदू देवताओं को भगवान नहीं मानने की प्रतिज्ञा ली थी.

राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया

दिल्ली सरकार ने मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को मंजूरी के लिए भेजा है. वहीं, उपराज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आगे भेज दिया है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. गौतम ने धर्मांतरण कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर हुए विवाद के बीच रविवार को अरंिवद केजरीवाल नीत मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. कार्यक्रम में कथित तौर पर हिंदू देवताओं की ंिनदा की गई थी.

उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि गौतम का इस्तीफा प्राप्त हुआ है और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है.
मंत्री के तौर पर गौतम के पास समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग का जिम्मा था. वह सीमापुरी से विधायक हैं. गौतम ने कहा था कि वह मंत्री पद से इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं ताकि उनकी वजह से उनके नेता केजरीवाल व आम आदमी पार्टी पर कोई आंच नहीं आए. गौतम का उत्तराधिकारी भी दलित समुदाय से होगा. अंबेडकर नगर के विधायक अजय दत्त, कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार और करोल बाग के विधायक विशेष रवि का नाम इस पद के लिए सबसे आगे चल रहा है.

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