विधानसभा चुनाव जीतने के बावजूद भाजपा के लिए राष्ट्रपति चुनाव जीतना आसान नहीं होगा: ममता
कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि चार राज्यों में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हालिया जीत के बावजूद, हो सकता है कि भगवा पार्टी के लिए आगामी राष्ट्रपति चुनाव जीतना आसान नहीं हो क्योंकि उसके पास देश में कुल विधायकों की संख्या का आधा भी नहीं है.
इस बात पर जोर देते हुए कि ‘‘खेल अभी खत्म नहीं हुआ है’’ बनर्जी ने कहा कि जिनके पास देश में कुल विधायकों की संख्या का आधा भी नहीं है, उन्हें बड़ी बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि विधानसभा चुनावों में हार के बावजूद समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां पिछली बार की तुलना में मजबूत हैं.
बनर्जी ने विधानसभा में कहा, ‘‘इस बार भाजपा के लिए राष्ट्रपति चुनाव इतना आसान नहीं होगा. उनके पास देश के कुल विधायकों में से आधे भी नहीं हैं. विपक्षी दलों के पास देश भर में अधिक विधायक हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘खेल अभी खत्म नहीं हुआ है. यहां तक ??कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हारने वाली समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियों के पास पिछली बार की तुलना में अधिक विधायक हैं.’’ राष्ट्रपति चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल के माध्यम से आयोजित किया जाता है जिसमें संसद के निर्वाचित सदस्य और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाएं शामिल होती हैं.
राज्य विधानसभाओं के प्रत्येक मतदाता के मतों की संख्या और मूल्य एक सूत्र द्वारा निकाला जाता है जो 1971 में राज्य की जनसंख्या को ध्यान में रखता है. 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा खेमे को टक्कर देने के लिए भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही बनर्जी ने कहा कि देश केंद्र में सत्ताधारी पार्टी से लड़ने की तैयारी कर रहा है.
बजट चर्चा पर बोलते हुए, टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस की सराहना की और राजनीतिक ंिहसा के आरोपों को “विपक्ष द्वारा फैलाई गई अफवाह” के रूप में खारिज कर दिया. कांग्रेस और टीएमसी के दो पार्षदों की हालिया हत्याओं की ंिनदा करते हुए बनर्जी ने कहा कि पुलिस मामलों की जांच कर रही है और दोषियों के राजनीतिक जुड़ाव पर विचार किए बिना कड़ी कार्रवाई की जाएगी. विपक्ष और सत्तारूढ़ पक्ष के विधायकों द्वारा क्रमश: “भारत माता की जय” और “जय बांग्ला” के नारे लगाने के बाद विपक्षी भाजपा ने बनर्जी के भाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन किया.