पलक्कड़ हत्या मामले में SDPI-PFI, BJP-RSS के सदस्य शामिल: केरल पुलिस
पलक्कड़. केरल पुलिस ने सोमवार को कहा कि पीएफआई और इसकी राजनीतिक शाखा एसडीपीआई के साथ-साथ भाजपा-आरएसएस के सदस्य पलक्कड़ जिले में हाल में हुई दो हत्याओं में शामिल थे. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) विजय सखारे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पुलिस ने 15 अप्रैल को पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) के नेता सुबैर (43) की हत्या में शामिल दोषियों की पहचान कर ली है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता एस के श्रीनिवासन (45) की हत्या के संबंध में सखारे ने कहा कि सभी दोषियों की करीब-करीब पहचान कर ली गई है और यह पाया गया है कि वे छिपे हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक बार उनके स्थानों की पहचान हो जाने के बाद, उस मामले में भी गिरफ्तारी की जाएगी. एडीजीपी ने कहा कि वर्तमान में कोई भी हिरासत में नहीं है.
सखारे ने संवाददाताओं को यह भी बताया कि जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन जैसे डिजिटल प्रमाणों का भी इस्तेमाल दोनों हत्याओं में शामिल लोगों की पहचान करने और उनका पता लगाने के लिए किया गया. हत्याओं के कारण जिले में 20 अप्रैल तक निषेधाज्ञा लागू की गई है और वहां एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई.
उन्होंने आगे कहा कि अब तक पहचाने गए दोषियों में पीएफआई-सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आॅफ इंडिया (एसडीपीआई) और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)-आरएसएस दोनों के सदस्य हैं. सखारे ने रविवार को कहा था, ‘‘दोनों हत्याओं के पीछे साजिश है. हम पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन है.’’ उन्होंने इन आरोपों से भी इनकार किया कि शुक्रवार को पीएफआई के नेता सुबैर की हत्या के बाद प्रतिशोध की कार्रवाई की आशंका होने के बावजूद पुलिस शनिवार को आरएसएस नेता की हत्या को रोकने में विफल रही.
आरएसएस के पदाधिकारी श्रीनिवासन पर शनिवार को मेलमुरी में छह लोगों ने हमला किया था. इससे पहले शुक्रवार को जिले के एलापुल्ली में सुबैर की तब हत्या कर दी गई थी, जब वह नमाज के बाद मस्जिद से अपने पिता के साथ घर लौट रहे थे. पांच महीने पहले कथित एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने स्थानीय आरएसएस नेता संजीत की उसी इलाके में हत्या कर दी थी जहां सुबैर की हत्या हुई. पीएफआई ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि सुबैर की हत्या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने की है.
केरल में पिछले कुछ महीनों में भाजपा-आरएसएस और एसडीपीआई-पीएफआई से जुड़े लोगों की एक के बाद एक हत्या की यह दूसरी घटना है. पिछले साल दिसंबर में अलाप्पुझा में 24 घंटे के भीतर एसडीपीआई के एक नेता और भाजपा के एक नेता की हत्या हुई थी.