आतंकवाद से लड़ना वैश्विक प्राथमिकता होना चाहिए: संरा प्रमुख गुतारेस
मुंबई. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद से लड़ना वैश्विक प्राथमिकता होना चाहिए और किसी भी तरह के आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता. मुंबई में ताज महल पैलेस होटल में 26/11 के आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए गुतारेस ने कहा कि लोगों को एकसाथ रहने के लिए संस्कृतियों की विविधता और समृद्धि को समझना होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद से लड़ना हर देश की वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए. आतंकवाद पूरी तरह एक बुराई है और आज की दुनिया में इसकी कोई जगह नहीं है. कोई वजह और कोई वाकया आतंकवाद को जायज नहीं ठहरा सकते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘महासचिव बनने के बाद मेरा पहला काम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग, मार्गदर्शन और देशों को तैयार करने के लिए आतंकवाद निरोधक कार्यालय स्थापित करना था.’’
गुतारेस ने कहा, ‘‘यह कार्यालय ंिहसक उग्रवाद की जड़ों के खिलाफ लड़ रहा है. धर्म हो, जातीयता हो या आस्था, कुछ भी ंिहसक उग्रवाद को जायज नहीं ठहरा सकता.’’ 26/11 के आतंकी हमलों को इतिहास में आतंकवाद का सबसे बर्बर कृत्य बताते हुए गुतारेस ने कहा कि हमलों में मारे गये 166 लोग ‘हमारी दुनिया के नायक हैं’.
भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए गुतारेस के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ ंिशदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी थे. गुतारेस ने होटल में 26/11 हमलों के स्मारक पर पुष्प अर्पित किया. ताजमहल पैलेस होटल उन स्थानों में से एक था, जिन्हें 26 नवंबर 2008 को हुए भयानक आतंकवादी हमलों के दौरान निशाना बनाया गया था.
जनवरी में दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है. उन्होंने इससे पहले अपने पिछले कार्यकाल के दौरान अक्टूबर 2018 में देश का दौरा किया था. गुतारेस बुधवार मध्यरात्रि के बाद लंदन से एक व्यावसायिक उड़ान के जरिए मुंबई पहुंचे. उनके आगमन पर महाराष्ट्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.
गुतारेस ने गुजरात रवाना होने से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई में संयुक्त राष्ट्र – भारत साझेदारी विषय पर भाषण दिया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात के केवड़िया में ‘मिशन लाइफ’ (पर्यावरण के अनुसार जीवन शैली) से संबंधित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. वड़ोदरा पहुंचने पर गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति ने भारत का दौरा किया था, जिसके बाद गुतारेस भारत की यात्रा पर आए हैं.
ताजमहल पैलेस होटल उन स्थानों में से एक था, जिन्हें 26 नवंबर 2008 को हुए भयानक आतंकवादी हमलों के दौरान निशाना बनाया गया था. जनवरी में दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है. उन्होंने इससे पहले अपने पिछले कार्यकाल के दौरान अक्टूबर 2018 में देश का दौरा किया था.
गुतारेस बुधवार मध्यरात्रि के बाद लंदन से एक व्यावसायिक उड़ान के जरिए मुंबई पहुंचे. उनके आगमन पर महाराष्ट्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. गुतारेस ने गुजरात रवाना होने से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई में संयुक्त राष्ट्र – भारत साझेदारी विषय पर भाषण दिया.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात के केवड़िया में ‘मिशन लाइफ’ (पर्यावरण के अनुसार जीवन शैली) से संबंधित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. वड़ोदरा पहुंचने पर गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति ने भारत का दौरा किया था, जिसके बाद गुतारेस भारत की यात्रा पर आए हैं.
महिलाओं के खिलाफ हिंसा ‘बड़ा नासूर’ : गुतारेस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बुधवार को ‘बड़ा नासूर’ करार दिया और हर देश में इससे निपटने के लिए ‘आपातकालीन योजना’ बनाने का आह्वान किया. गुतारेस ने यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बम्बई में विद्यार्थियों के साथ बातचीत में इस बात का भी उल्लेख किया कि सोशल मीडिया पर महिला कार्यकर्ताओं और राजनेताओं को निशाना बनाया जाता है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अपने संगठन के भीतर लैंगिक समानता का लक्ष्य हासिल करने के लिए काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह स्वीकार करना होगा कि यही एक समस्या है जिसे मैं हल नहीं कर सका. कई लोगों का विचार है – और मैं इसका पूरा सम्मान करता हूं – (कि) संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद पर एक महिला को होना चाहिए.’’ गुतारेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में शीर्ष प्रबंधन स्तर पर आधे से अधिक महिलाएं हैं. उन्होंने आगे कहा कि वे अफगानिस्तान और इराक में राजनीतिक मामलों के विभाग प्रमुख और मिशन प्रमुख जैसे पदों पर काबिज हैं. गुतारेस ने कहा कि भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के देशों में लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह एक ‘नैतिक अनिवार्यता’ है और समृद्धि और स्थिरता के लिए एक गुणक भी. गुतारेस ने आगे कहा, ‘‘कोई भी समाज ‘महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों और लड़कों के लिए समान अधिकारों और स्वतंत्रता’ के बिना अपनी पूरी क्षमता तक ऊंचाई नहीं पा सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा… न केवल महत्वपूर्ण बात है, बल्कि यह एक आपात स्थिति है, क्योंकि चीजें बदतर हो रही हैं, बेहतर नहीं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा से लड़ने के लिए एक आपातकालीन योजना होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि इसमें पुलिस एवं न्यायपालिका के प्रशिक्षण और यह सुनिश्चित करने जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए कि ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा के संबंध में समाज में स्पष्ट जवाबदेही है’. गुतारेस ने कहा कि लैंगिक समानता का प्रश्न अनिवार्य रूप से शक्ति का प्रश्न है.