5जी दूरसंचार सेवा देश में शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर तक ले जाएगी : प्रधानमंत्री मोदी
अडालज. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि हाल ही में शुरू की गई 5जी दूरसंचार सेवा देश में शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर तक ले जाएगी क्योंकि नवीनतम प्रौद्योगिकी चीजों को “स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट कक्षाओं और स्मार्ट शिक्षा” से भी आगे पहुंचाएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) देश को अंग्रेजी भाषा से जुड़ी “गुलाम मानसिकता” से बाहर निकालेगी.
प्रधानमंत्री ने गांधीनगर जिले के अडलाज शहर में गुजरात सरकार के ‘मिशन स्कूल आॅफ एक्सीलेंस’ पहल की शुरुआत करने के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि पहले अंग्रेजी के ज्ञान को बौद्धिक होने की निशानी के रूप में माना जाता था, जबकि अंग्रेजी भाषा केवल संवाद का माध्यम है. मोदी ने कहा कि मिशन नई कक्षाओं, स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना और राज्य में स्कूलों के बुनियादी ढांचे के समग्र उन्नयन के माध्यम से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘5जी सेवा स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट क्लासरूम और स्मार्ट शिक्षण से आगे जाएगी. यह हमारी शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर पर ले जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि छात्र अब 5जी सेवा की मदद से अपने स्कूलों में वर्चुअल रीअलिटी, इंटरनेट आॅफ ंिथग्स और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का अनुभव कर सकते हैं.
मोदी ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय भाषाओं के उपयोग की वकालत की कि अंग्रेजी में असहज लोग पीछे न रहें. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले, अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को बौद्धिक होने की निशानी माना जाता था. वास्तविकता यह है कि अंग्रेजी भाषा केवल संवाद का एक माध्यम है. यह भाषा बाधा एक बाधा थी. गांवों की कई युवा प्रतिभाएं डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बन सकीं क्योंकि उन्हें अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान नहीं था.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के पास अब दूसरी भाषाओं में पढ़ाई करने का विकल्प है.
मोदी ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब माता-पिता के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनें, भले ही वे अंग्रेजी (माध्यम) में शिक्षित न हों. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंग्रेजी भाषा की कमी के कारण कोई भी पीछे न रहे.” उन्होंने कहा, “केंद्र की नई शिक्षा नीति देश को अंग्रेजी भाषा से जुड़ी गुलाम मानसिकता से बाहर निकालेगी.” प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात ने पिछले दो दशकों के दौरान शिक्षा परिदृश्य में बड़े बदलाव का अनुभव किया है. वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो दशकों के दौरान, गुजरात सरकार ने 1.25 लाख नई कक्षाएँ स्थापित की हैं और लगभग दो लाख शिक्षकों को शामिल किया है. एक दशक पहले 15,000 कक्षाओं में टेलीविजन सेट पहले ही लगाए जा चुके थे. आज आॅनलाइन माध्यम से लगभग एक करोड़ छात्रों और चार लाख स्कूली शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मिशन स्कूल आॅफ एक्सीलेंस’ के तहत राज्य सरकार 50,000 नई कक्षाओं का निर्माण करेगी और सरकार द्वारा संचालित स्कूलों की लगभग एक लाख मौजूदा कक्षाओं को 5जी तकनीक का उपयोग कर स्मार्ट कक्षाओं में परिर्वितत करेगी.
उन्होंने कहा, “इस तकनीक का उपयोग करके, कोई शिक्षक आॅनलाइन माध्यम से गांवों में कई स्कूलों को रीअल-टाइम शिक्षा प्रदान कर सकता है. अब, सबसे अच्छी शिक्षा और सामग्री सभी तक पहुंचेगी. इस पहल से गांवों के छात्र सबसे अधिक लाभान्वित होंगे.” मोदी ने कहा कि मिशन के तहत छात्रों को छोटी उम्र से ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा और कला एवं रोबोटिक्स जैसे अन्य विषयों से भी अवगत कराया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने याद किया कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने गुजरात में शिक्षा परिदृश्य में सुधार के लिए ‘शाला प्रवेशोत्सव’ और शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने वाले त्योहार ‘गुणोत्सव’ जैसी कई योजनाएं शुरू की थीं. मोदी ने अपने संबोधन से पहले, कुछ युवाओं के साथ बातचीत की और कहा कि उनकी उपस्थिति में कई साल पहले छात्रों का नामांकन बढ़ाने संबंधी राज्य सरकार की पहल ‘शाला प्रवेशोत्सव’ के दौरान इन युवाओं ने गुजरात के एक गाँव में स्कूल में पहली कक्षा में दाखिला लिया था.