आप ने सीसीएस आचरण नियम के उल्लंघन पर संबित पात्रा और इकबाल सिंह को सरकारी पदों से हटाने की मांग की
नयी दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को केंद्र सरकार से मांग की कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को आईटीडीसी अध्यक्ष के पद से और इकबाल सिंह लालपुरा को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद से हटाये. आप ने कहा कि इन दोनों नेताओं ने कथित तौर पर केंद्रीय लोक सेवा (सीसीएस)-आचरण नियमों का उल्लंघन करके पार्टी हित में पद का दुरुपयोग किया.
केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी को लिखे एक पत्र में आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) का अध्यक्ष होने के बावजूद पात्रा ने भाजपा के लिए अभियान जारी रखा, जो सीसीएस-आचरण नियम का सरासर उल्लंघन है.
आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में मांग की कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा को तत्काल प्रभाव से हटाया जाये. भारद्वाज ने आरोप लगाया कि केंद्रीय लोक सेवा (सीसीएस)-आचरण नियमों का उल्लंघन करके लालपुरा वैधानिक निकाय का नेतृत्व कर रहे हैं, क्योंकि वह भाजपा और इसके संसदीय बोर्ड के सक्रिय सदस्य बने हुए हैं. भारद्वाज ने कहा कि इकबाल सिंह भाजपा के प्रवक्ता हैं और वह टेलीविजन पर चर्चा के दौरान पार्टी के अच्छे और बुरे कार्यों का बचाव करते हैं.
इकबाल सिंह लालपुरा को सितंबर, 2021 में एनसीएम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. भारद्वाज ने कहा कि इकबाल सिंह ने पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए एनसीएम अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन चुनाव हारने के बाद उन्हें इस साल अप्रैल में फिर से एनसीएम का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया.
इसी तरह पात्रा को पिछले साल 30 नवंबर को आईटीडीसी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जो पर्यटन मंत्रालय के तहत आता है.
दिल्ली सरकार के योजना विभाग की ओर से ‘डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन आॅफ डेल्ही’ के उपाध्यक्ष और आप नेता जैस्मीन शाह को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी करने के कुछ दिनों बाद आतिशी का पत्र सामने आया है. आप के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में कार्य करके सार्वजनिक पद का दुरुपयोग करने के आरोप में जैस्मीन शाह को यह नोटिस जारी किया गया था. भाजपा नेता और पश्चिमी दिल्ली से सांसद परवेश वर्मा की एक शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई थी. आप ने नोटिस को गुजरात में पार्टी के बढ़ते प्रभाव के चलते दिल्ली सरकार पर किया गया एक और हमला करार दिया था.
आप विधायक ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘मैंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री और केंद्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिखकर संबित पात्रा को आईटीडीसी के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है. अध्यक्ष के रूप में सार्वजनिक पद पर रहते हुए भी पात्रा ने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद नहीं छोड़ा.’’ आतिशी ने आरोप लगाया कि पात्रा ने सोशल मीडिया पर कई राजनीतिक वीडियो अपलोड किये, जिन्हें उनके कार्यालय में शूट किया गया था, जो सार्वजनिक पद के दुरुपयोग का एक उदाहरण है.