IPL 2022: धोनी ने CSK की कप्तानी छोड़ी, जडेजा को सौंपी कमान

मुंबई. चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की 12 सत्र तक अगुवाई करने, उसे चार खिताब दिलाने और पांच बार उप विजेता बनाने के बाद दिग्गज महेंद्र ंिसह धोनी ने शनिवार से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से पहले गुरुवार को इस फ्रेंचाइजी की कप्तानी अपने विश्वसनीय रंिवद्र जडेजा को सौंप दी. सीएसके ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा कि 40 वर्षीय धोनी इस सत्र में और आगे भी फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे.

धोनी 2008 में टूर्नामेंट की शुरुआत से ही सीएसके के कप्तान रहे. इस बीच केवल दो साल उन्होंने सीएसके की अगुवाई नहीं की क्योंकि तब स्पॉट फिंिक्सग मामले के कारण टीम पर दो साल का प्रतिबंध लगा था. सीएसके ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘महेंद्र ंिसह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी किसी अन्य खिलाड़ी को सौंपने का फैसला किया है और उन्होंने टीम का नेतृत्व करने के लिए रंिवद्र जडेजा को चुना है. जडेजा 2012 से चेन्नई सुपर किंग्स का अभिन्न अंग रहे हैं और वह सीएसके का नेतृत्व करने वाले केवल तीसरे खिलाड़ी होंगे.’’ फ्रेंचाइजी ने बयान में कहा, ‘‘धोनी इस सत्र में और उसके बाद भी चेन्नई सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे.’’ पंद्रह अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करने वाले धोनी की अगुवाई में सीएसके ने पिछले साल अपना चौथा खिताब जीता था.

सीएसके शनिवार को यहां अपने पहले मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स का सामना करेगा. सीएसके कप्तानी इससे पहले धोनी के अलावा सुरेश रैना ने की है. जडेजा उसके तीसरे कप्तान होंगे. विश्व कप विजेता कप्तान धोनी ने चाहे कप्तानी छोड़ने की बात हो या संन्यास लेने की, हमेशा अपने मन की बात सुनी. उन्होंने 2014 में आस्ट्रेलिया में श्रृंखला के बीच में टेस्ट कप्तानी छोड़ने के साथ लंबे प्रारूप से भी संन्यास ले लिया था और जब विराट कोहली सभी प्रारूपों में देश की अगुवाई करने के लिये तैयार हुए तो उन्होंने 2017 में उनके लिये जगह खाली कर दी थी.

यह प्रेरणादायी कप्तान हालांकि अनुठी शैली में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी आईपीएल में खेलता रहा और इसलिए उनका सीएसके की कप्तानी जडेजा को सौंपना चौंकाने वाला फैसला नहीं है. धोनी जानते थे कि वह हमेशा टीम की कमान नहीं संभाल सकते हैं और बेहतरीन फॉर्म में चल रहे जडेजा कमान संभालने के लिये तैयार हैं. सीएसके ने जडेजा के अलावा धोनी, मोईन अली और रुतुराज गायकवाड़ को अपनी टीम में ‘रिटेन’ किया था.

धोनी की घोषणा से सीएसके के सीईओ कासी विश्वनाथन भी हैरान थे लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘यदि धोनी ने फैसला किया है तो यह टीम के सर्वश्रेष्ठ हित में होगा.’’ विश्वनाथन ने कहा, ‘‘देखिए धोनी जो भी फैसला लेते हैं वह टीम के हित में होता है. इसलिए हमारे लिए ंिचता की कोई बात नहीं है. हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं. वह हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह हमारे लिए मार्गदर्शक रहे हैं और मार्गदर्शक बने रहेंगे.’’ विश्वनाथन से पूछा गया कि क्या 2022 धोनी का अंतिम सत्र होगा, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह उनका आखिरी सत्र होगा. जब तक वह फिट हैं, हम चाहते हैं कि वह खेलें. मैं ऐसा चाहता हूं. मैं नहीं जानता कि वह क्या सोचते हैं.’’ जडेजा को कप्तान बनाये जाने पर विश्वनाथन ने उम्मीद जताई कि इस आॅलराउंडर की अगुवाई में टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘जड्डू (जडेजा) अच्छा करेगा. वह संभवत: अभी अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं. वह निश्चित तौर पर धोनी के मार्गदर्शन में अच्छा प्रदर्शन करेगा. जड्डू 10 साल से हमारे साथ है और वह टीम संस्कृति को अच्छी तरह समझता है.’’ यह कहा जा सकता है कि सीएसके ने जो मुकाम हासिल किया वह करिश्माई धोनी के बिना असंभव था. यहां तक सीएसके के निलंबन के समय 2016 और 2017 में जब वह पुणे सुपरजायंट के साथ थे तब भी उनका दिल चेन्नई के लिये धड़क रहा था.

धोनी ने 2016 के सत्र से पहले कहा था, ‘‘मैं झूठ बोलूंगा यदि मैं कहता हूं कि मैं आगे निकल चुका हूं. मै यह नहीं कह सकता कि मैं एक नयी टीम के लिए खेलने को लेकर बहुत उत्साहित हूं और अगर मैं पिछले आठ साल का प्यार और स्रेह के लिए सीएसके और चेन्नई के लोगों को श्रेय नहीं देता हूं तो यह गलत होगा.’’ सीएसके ने इसके बाद 2018 में वापसी की और धोनी की अगुवाई में उसने तीसरा खिताब जीता.

मुंबई इंडियन्स भले ही खिताब के मामले में आईपीएल की सबसे सफल टीम हो लेकिन वह सीएसके की तरह लगातार प्लेआॅफ में नहीं पहुंची है. धोनी की अगुवाई में सीएसके ने आईपीएल में 204 मैच खेले जिसमें से उसने रिकार्ड 121 मैचों में जीत दर्ज की.

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