देश में स्वास्थ्य सेवा सुलभ और सस्ती होती जा रही है: मांडविया

नयी दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा सुलभ और सस्ती होती जा रही है  क्योंकि सरकार एमबीबीएस सीट की संख्या दोगुनी करने सहित समग्र बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है. मंत्री ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को व्यावसायिक पहलू से नहीं, बल्कि सभी के लिए एक सेवा पहल के रूप में देखती है. उन्होंने कहा कि देश एक नए भारत का उदय देख रहा है और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि फार्मा क्षेत्र भी इस विकास का हिस्सा बने.

उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र ‘हील बाई इंडिया’ और ‘हील इन इंडिया’ के लिए एक योजना पर काम कर रही है, जो भारत में सस्ती स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के साथ-साथ दुनिया को इलाज के लिए जनशक्ति प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
मांडविया ने भारतीय औषधि और चिकित्­सा उपकरण सम्मेलन 2022 (इंडिया फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेज कॉन्फ्रेंस) में कहा, ‘‘इसलिए हमें अपनी और दुनिया की जरूरतों का भी खयाल रखना चाहिए.’’ पच्चीस से 27 अप्रैल तक चलने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में सरकार, उद्योग और शिक्षाविद एक साथ आएंगे और अगले 25 वर्षों के वास्ते इस क्षेत्र के लिए एक योजना पर विचार-मंथन करेंगे.

मांडविया ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा को किफायती और सुलभ बनाने के लिए कदम उठा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई हैं, एमबीबीएस सीट की संख्या जो 55,000 के आस-पास हुआ करती थीं, इस साल एक लाख हो जाएंगी … इसी तरह देशभर में 1.17 लाख स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र स्थापित किए गए हैं … जिला अस्पतालों को मजबूत किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि देश में दुनियाभर में दवा उत्पादों को बेचने की क्षमता है. उन्होंने कहा, ‘‘हम समग्र और व्यापक तरीके से इसका खयाल रख सकते हैं.. हम इसके लिए विचार-मंथन कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश के लगभग 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराने में सफल रही है.

मांडविया ने कहा कि सरकार गरीबों और किसानों के हित में रहकर उद्योग का समर्थन करती है. उन्होंने कहा, ‘‘हम सिर्फ कागजों पर नीतियां नहीं बनाते हैं या सिर्फ व्याख्यान नहीं देते हैं, हम नीति को लागू करने के प्रयास करते हैं.’’ उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान उठाए गए कदमों के लिए फार्मा उद्योग की प्रशंसा करते हुए कहा कि दुनियाभर में इस बात को लेकर आशंकाएं थीं कि भारत इस संकट का प्रबंधन कैसे करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमने दुनिया को दिखाया कि यह कैसे किया जा सकता है. हमने एक सफल टीकाकरण कार्यक्रम चलाकर इसे फिर से साबित भी कर दिया.’’

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