भवानी देवी की निगाहें राष्ट्रीय खेलों में नयी तकनीक और रणनीति परखने पर
नयी दिल्ली. ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज भवानी देवी राष्ट्रीय खेलों के दौरान अपनी नयी तकनीक और रणनीति को परखने पर ध्यान लगाये हैं ताकि इनका इस्तेमाल भविष्य में बड़े टूर्नामेंट में कर सके. पिछले महीने राष्ट्रमंडल तलवारबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली 29 साल की भवानी गुजरात में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में आर्किषत करने वाले खिलाड़ियों में शामिल होंगी.
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) द्वारा वर्चुअल बातचीत में भवानी ने कहा, ‘‘मैंने अपना कोच बदला है, मेरी तकनीक, रणनीति और हर चीज में अब बदलाव हुआ है. हमें अभी और अधिक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट खेलने हैं जैसे अप्रैल में ओलंपिक क्वालीफायर. मुझे इस नयी तकनीक और रणनीति को अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ इस्तेमाल करना होगा और देखना होगा कि यह कितनी कारगर होती है. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘सेबर काफी फुर्ती भरा खेल होता है, आप एक दूसरे से छूने के दौरान समय नहीं ले सकते, इन ‘मिलीसेकेंड’ के अंदर जो करना चाहते हो, आप उसके बारे में सोचकर फैसला नहीं कर सकते. ’’ भवानी ने कहा, ‘‘इसलिये राष्ट्रीय खेलों में नयी तकनीक का इस्तेमाल करने का जोखिम है क्योंकि ये ऐसे खेले हैं जिन्हें हर कोई देखेगा. इसलिये मुझे अच्छा प्रदर्शन करना होगा लेकिन साथ ही मुझे अपनी नयी तकनीक पर भी काम करना होगा जिससे मुझे बड़े टूर्नामेंट में मदद मिल सकती है. ’’
चेन्नई में जन्मीं भवानी ने इटली के कोच निकोला जानोटी से नाता तोड़ लिया है और अब वह फ्रांस के महान तलवारबाज क्रिस्टियन बॉयूर से कोंिचग ले रही हैं.
भवानी ने कहा कि भारतीय तलवारबाजों को सर्वश्रेष्ठ से प्रतिस्पर्धा करने के लिये और अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितायें खेलने की जरूरत है. ’’ रैंंिकग में 42वें स्थान पर काबिज यह भारतीय तलवारबाज इस्तांबुल में विश्व कप में 23वें स्थान पर रही थी. वह जुलाई में विश्व चैम्पियनशिप में दूसरे दौर में पहुंची थी और अगस्त में उन्होंने राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में अपना खिताब बरकरार रखा था.