भारत 7.3% की वृद्धि के साथ उभरती अर्थव्यवस्थाओं में ‘चमकता सितारा’ होगा: एसएंडपी

नयी दिल्ली. साख निर्धारित करने वाली अमेरिकी एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेंिटग्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभिन्न देशों में नीतिगत दर में वृद्धि तथा यूरोप में ऊर्जा को लेकर असुरक्षा से लगभग हर देश की आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. लेकिन इसके उलट भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और वह इस लिहाज से उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में चमकता सितारा (स्टार) होगा.

एसएंडपी ने एक रिपोर्ट में कहा कि विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के प्रमुख ब्याज दर बढ़ाने के बीच तंग होती वित्तीय स्थिति के साथ वैश्विक वृहत आर्थिक तत्वों का प्रदर्शन अगली कुछ तिमाहियों में वृद्धि में नरमी का संकेत दे रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सभी उभरते बाजारों में दूसरी तिमाही में वृद्धि नरम हुई है. इसका कारण महंगाई से लोगों की वास्तविक आय का घटना, व्यापार भरोसा में कमी और वैश्विक स्तर पर महौल का अधिक जटिल होना है.

उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक नीतिगत दर बढ़ाने के मामले में विकसित देशों से आगे हैं. लातिनी अमेरिकी देशों में ब्याज दर बढ़ाने का दौर अब समाप्त होने के चरण में आ गया है. कई देशों में मुख्य मुद्रास्फीति (कोर) लगातार बढ़ रही है. यह बताता है कि इस पर काबू पाने के लिये और बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में तेज वृद्धि से उभरते बाजारों में भुगतान संतुलन पर दबाव बढ़ा है.

एसएंडपी ने कहा, ‘‘हमने चीन को छोड़कर 16 उभरती अर्थव्यस्थाओं को शामिल किया है. इनकी वृद्धि दर इस साल 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. भारत चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 7.3 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ इस मामले में ‘स्टार’ होगा.’’ रेंिटग एजेंसी ने कहा कि चूंकि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये आक्रामक रूप से ब्याज दर बढ़ा रहे हैं, ऐसे में हमारा विश्वास कम हो रहा है कि वे बड़ी नरमी से बच सकते हैं. उसने कहा, ‘‘हमें अब अमेरिका में हल्की मंदी की आशंका है. ब्याज दर में वृद्धि, यूरोप में ऊर्जा असुरक्षा और कोविड-19 का असर अभी बने रहने से हर जगह वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button