रेलवे में बड़ी सेंध! तिल्दा आरपीएफ क्षेत्र में 12 चक्का ट्रक से रेल लाइन चोरी, कार्रवाई पर उठे सवाल, जोनल आईजी ने दिए जांच के आदेश

रायपुर, 19 फ़रवरी 2025
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तिल्दा आरपीएफ पोस्ट के तहत रेल लाइन चोरी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जोन के आईजी ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और जोनल टीम को सक्रिय कर दिया है।
चोरी की साजिश और कार्रवाई पर उठे सवाल
सूत्रों के अनुसार, मांढर-सिलयारी के बीच कुछ दिनों पहले 4-5 लोगों ने रेल लाइन चोरी की साजिश रची थी। चोर एक 12-चक्का ट्रक लेकर पहुंचे और रेल लाइन को ट्रक में लोड कर ही रहे थे कि आरपीएफ के एसआई और दो स्टाफ ने मौके पर दबिश दी। हालांकि, इस कार्रवाई में केवल एक आरोपी को पकड़ा जा सका, जबकि चार अन्य फरार हो गए।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान गौरव चतुर्वेदी के रूप में हुई है, जो दुर्ग का रहने वाला है। लेकिन इस पूरे मामले में जोन के वरिष्ठ अधिकारियों को कार्रवाई संदिग्ध लग रही है, जिसके चलते आईजी ने विशेष जांच के लिए टीम भेजी है।
सीआईबी भी हुई सक्रिय, कई बिंदुओं पर जांच
अब इस मामले में सीआईबी (क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच) भी सक्रिय हो गई है। आरपीएफ के जानकारों के अनुसार, चोरी गई रेल लाइन की अनुमानित मात्रा और चोरी की पृष्ठभूमि कई संदेहों को जन्म दे रही है।
क्या 12-चक्का ट्रक और 4-5 लोग सिर्फ 30-35 हजार रुपये की रेल लाइन चोरी करने आए थे?
अगर आरपीएफ की टीम ने रेड-हैंडेड कार्रवाई की थी, तो सिर्फ एक ही आरोपी क्यों पकड़ा गया, बाकी क्यों फरार हो गए?
अगर चोरों को आरपीएफ के आने की भनक लग गई थी, तो सभी आरोपी भागने के बजाय केवल एक ही मौके पर क्यों रुका?
आरपीएफ के पास अपनी गाड़ी होने के बावजूद, क्या उन्होंने आरोपियों का पीछा किया?
ये तमाम सवाल इस पूरी कार्रवाई की पारदर्शिता पर संदेह पैदा कर रहे हैं। हालांकि, सच्चाई जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगी।
तिल्दा आरपीएफ की पुरानी संदिग्ध घटनाएं
गौरतलब है कि तिल्दा आरपीएफ पोस्ट के पास पहले भी कोयला चोरी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उस समय डीआईजी ने पोस्ट प्रभारी को लेकर गंभीर टिप्पणी की थी, लेकिन रायपुर रेल मंडल ने उस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब एक बार फिर रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
इस पूरे मामले में आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही आधिकारिक जानकारी साझा कर सकते हैं। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कई सवालों के जवाब अधूरे ही रहेंगे।