लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने से लोगों की सेवा करने का बड़ा अवसर मिला: राहुल

भारत और चीन के बीच संबंध 'मुश्किल' होते जा रहे हैं: राहुल गांधी

स्टेनफोर्ड/न्यूयॉर्क. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि जब वह राजनीति में आए थे, तब उन्होंने सोचा भी नहीं था कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से कभी अयोग्य घोषित किया जाएगा, लेकिन इसने उन्हें लोगों की सेवा करने का एक ”बड़ा अवसर” दिया है. राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के तीन शहरों की यात्रा पर हैं. उन्होंने बुधवार रात कैलिफोर्निया में, प्रतिष्ठित स्टेनफोर्ड यूनिर्विसटी परिसर में भारतीय छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की.

”मोदी उपनाम” को लेकर की गई राहुल की टिप्पणी से जुड़े 2019 के आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत (गुजरात) की एक अदालत द्वारा उन्हें (राहुल को) इस साल की शुरुआत में दोषी करार दिया गया था. इसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

राहुल ने कहा कि जब वह 2000 में राजनीति में आए थे, तब उन्होंने सोचा भी नहीं था कि उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आज वह जो कुछ भी होता देख रहे हैं, वह उससे एकदम अलग है, जैसा कि उन्होंने राजनीति में आते समय सोचा था.
लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किये जाने पर राहुल (52) ने कहा कि उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा कुछ होगा.
राहुल, केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ”लेकिन, फिर मुझे लगता है कि इसने मुझे वास्तव में एक बड़ा अवसर दिया है. राजनीति ऐसी ही होती है.” उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह नाटकीय घटनाक्रम असल में करीब छह महीने पहले शुरू हुआ. हम संघर्ष कर रहे थे. पूरा विपक्ष भारत में संघर्ष कर रहा है. सारा धन कुछ लोगों के पास है. संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है. हम अपने देश में लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.” राहुल ने कहा कि उन्होंने उस समय ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने का फैसला किया.

उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में भारतीय छात्रों और भारतीय मूल के शिक्षाविदों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ”मैं एकदम स्पष्ट हूं कि हमारी लड़ाई हमारी है. हालांकि, यहां भारत के युवा छात्रों का एक समूह है. मैं उनके साथ संबंध जोड़ना चाहता हूं और उनसे बात करना चाहता हूं. ऐसा करना मेरा अधिकार है.” कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश यात्रा के जरिये वह किसी से कोई समर्थन नहीं मांग रहे हैं.

स्टेनफोर्ड में खचाखच भरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच राहुल ने कहा, ”मेरी समझ में नहीं आता कि प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) यहां क्यों नहीं आते और ऐसा क्यों नहीं करते.” इस पर कार्यक्रम संचालक ने कहा कि प्रधानमंत्री का किसी भी समय स्टेनफोर्ड आने और छात्रों तथा शिक्षाविदों के साथ बातचीत करने के लिए स्वागत है.

राहुल ने बाद में ट्वीट किया कि ‘द न्यू ग्लोबल इक्वीलीबरियम’ (नये वैश्विक संतुलन) विषय पर स्टेनफोर्ड में छात्रों से बातचीत करना खुशी की बात थी. उन्होंने ट्वीट में कहा, ”हमने एक बदलती विश्व व्यवस्था में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की. सच्चाई के साथ काम करना ही आगे का रास्ता है.” सभागार खचाखच भरा होने के कारण कुछ छात्रों को प्रवेश नहीं मिला. कार्यक्रम शुरू होने से दो घंटे पहले ही छात्र कतार में लग गए थे. गौरतलब है कि पिछले डेढ. साल में भारत के कई नेताओं ने अमेरिका में भारतीय छात्रों से बातचीत की है.

भारत और चीन के बीच संबंध ‘मुश्किल’ होते जा रहे हैं: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि चीन भारत पर कुछ थोप नहीं सकता और भारत तथा चीन के संबंध आसान नहीं हैं, ये ”मुश्किल” होते जा रहे हैं. कांग्रेस नेता तीन अमेरिकी शहरों की यात्रा पर हैं और उन्होंने कैलिफोर्निया में स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय परिसर में बुधवार रात छात्रों के एक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही.

छात्रों ने राहुल से पूछा था,” अगले पांच से दस वर्षों में भारत और चीन के बीच संबंध कैसे होंगे, आप इसे कैसे देखते हैं.” इसके उत्तर में कांग्रेस नेता ने कहा,”ये अभी मुश्किल हैं. मेरा मतलब है कि उन्होंने हमारे कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है. ये मुश्किल हैं, ये इतने आसान नहीं हैं.” उन्होंने कहा,” भारत पर कुछ थोपा नहीं जा सकता. ऐसा कुछ नहीं होने वाला.” भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तीन वर्षों से गतिरोध कायम है. जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. भारत का रुख है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमाई इलाकों में शांति न हो.

स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में बातचीत के दौरान राहुल ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखने की भारत की नीति का समर्थन किया. कांग्रेस नेता से प्रश्न किया गया था कि क्या वह रूस को लेकर भारत के तटस्थ रुख का समर्थन करते हैं, इस पर उन्होंने कहा,” हमारे रूस के साथ संबंध हैं,हमारी रूस पर कुछ निर्भरताएं है. इसलिए मेरा वही रुख है जो भारत सरकार का है.” उन्होंने कहा कि अंतत: भारत को अपने हितों की ओर देखना होगा क्योंकि भारत एक बड़ा देश है जहां सामान्य तौर पर उसके अन्य देशों के साथ संबंध होंगे.

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह इतना छोटा तथा आश्रित नहीं है कि इसके केवल एक के साथ संबंध हों, किसी और के साथ नहीं. अपनी बात उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ” हमारे पास सदैव इस प्रकार के संबंध होंगे. कुछ लोगों के साथ हमारे बेहतर संबंध होंगे, कुछ के साथ संबंध बनेंगे. तो इस प्रकार का संतुलन है.” राहुल ने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों का समर्थन किया, साथ ही उत्पादन की जरूरत तथा डेटा और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे उभरते क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इन द्विपक्षीय संबंधों में केवल सुरक्षा तथा रक्षा के पहलू पर ध्यान के्द्रिरत करना पर्याप्त नहीं है.

आईओसी ने राहुल की यात्रा को ”अल्पसंख्यक समूह द्वारा नियंत्रित” किए जाने के आरोप की निंदा की
‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, यूएसए’ (आईओसीयूएसए) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को लेकर लगाए जा रहे आरोपों की निंदा की और कहा कि उनकी यात्रा को दागदार करने के लिए ”भ्रामक अभियान” चलाया जा रहा है. गांधी अमेरिका के तीन शहरों की यात्रा पर मंगलवार को सैन फ्रांसिस्को पहुंचे. इस दौरान वह प्रवासी भारतीयों से बातचीत करेंगे और अमेरिकी सांसदों से मुलाकात करेंगे.

आईओसीयूएसए की ओर से बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, राहुल गांधी की ”यात्रा यहां अमेरिका और भारत में जनता का ध्यान आर्किषत कर रही है. लोग उनके प्रगतिशील दृष्टिकोण के बारे में जानने और उनसे बातचीत करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. यकीनन इससे कुछ लोगों का एक समूह नाराज होगा और उसने यात्रा को दागदार करने के लिए भ्रामक अभियान चलाया है.” आईओसीयूएसए ने राहुल गांधी की ” यात्रा को बाहरी ताकतों के साथ एक अपवित्र गठबंधन बताने और किसी निश्चित अल्पसंख्यक समूह द्वारा इसे नियंत्रित” बताए जाने के प्रयासों की भी निंदा की. बयान के अनुसार, ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, यूएसए’ एक स्वायत्त इकाई है जो अमेरिका में किसी भी धार्मिक समूह के अधीन नहीं है.

बयान के अनुसार, ” लोगों को उनके धर्म के आधार पर बांटना कांग्रेस पार्टी की नीति नहीं है. हम धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र से परे हर व्यक्ति का आगामी कार्यक्रमों में स्वागत करते हैं.” राहुल गांधी की वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में भी बैठकों में हिस्सा लेने की योजना है.
आईओसीयूएसए के बयान के अनुसार, ”हम इन सभी प्रतिक्रियाओं और फर्जी खबरों को अमेरिका में (राहुल) गांधी की यात्रा और उन्हें दागदार करने के प्रयासों का हिस्सा मानते हैं. हालांकि हमें विश्वास है कि लोग खुलेपन व संवाद के साथ इन तिकड़मों तथा गंदी चालों को खारिज कर देंगे.”

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