सरकार का प्रयास है कि लघु हथियारों के क्षेत्र में अडाणी समूह का एकछत्र राज हो: जयराम रमेश
नयी दिल्ली. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अडाणी समूह की पूरी मदद कर रही है ताकि वह लघु हथियारों के क्षेत्र में एकछत्र राज स्थापित कर सके. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस की ‘हम अडाणी के हैं कौन’ प्रश्न श्रृंखला के तहत पिछले कई दिनों की तरह आज भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ सवाल किए.
रमेश ने कहा, ‘‘2018 में भारतीय सेना ने उपयोग के लिए पुरानी हो चुकी सबमशीन गन को बदलने के लिए संयुक्त अरब अमीरात स्थित ‘काराकल इंटरनेशनल’ द्वारा निर्मित सीएआर 816 क्लोज क्वार्टर बैटल (सीक्यूबी) कार्बाइन का चयन किया.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘10 फरवरी 2021 को सेना ने एक बार फिर इसी मात्रा में कार्बाइन खरीदने का अनुरोध पत्र अडाणी डिफेंस सहित अन्य वेंडरों को जारी किया.’’
रमेश ने सवाल किया, ‘‘इस वास्तविकता के मद्देनजर कि चीनी घुसपैठ के बाद पूर्वी लद्दाख में हमारे सैनिकों को तत्काल इन हथियारों की आवश्यकता पड़ सकती है, क्या आप इस अनुबंध को रद्द करके और नए सिरे से निविदा खोलकर हमारे सैनिकों की कीमत पर अपने मित्रों को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं? क्या एक बार फिर आप अडाणी का एक और क्षेत्र में एकछत्र राज स्थापित करने का रास्ता नहीं खोल रहे हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘3 मार्च 2019 को, आपने अमेठी (उत्तर प्रदेश) में ओएफबी कोरवा कारखाने में एके-203 असॉल्ट राइफल बनाने के लिए एक भारत-रूस संयुक्त उद्यम का उद्घाटन किया और घोषणा की कि: “अब ‘मेक इन अमेठी’ एक वास्तविकता है”. यह और बात है कि एके-203 का उत्पादन शुरू करने में तीन और साल लग गए.’’
रमेश ने कहा, ‘‘आप रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के महत्व का हमेशा राग अलापते रहते हैं, फिर भी आपकी सरकार ने भारत के सबसे बड़े स्वदेशी लघु हथियारों के कारखाने को बोली लगाने की प्रक्रिया से बाहर कर दिया है. क्या ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि आप एक बार फिर अपने निजी क्षेत्र के दोस्तों को उन सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को विलुप्त करने में मदद कर रहे हैं, जो वर्तमान में सशस्त्र बलों को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं?’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या आप ंिचतित हैं कि बड़े पैमाने पर छोटे हथियारों का उत्पादन करने वाली एक मौजूदा फैक्टरी आपके करीबी दोस्तों को पीछे छोड़ देगी और उन्हें भारतीय करदाताओं से अर्जित राजस्व का लाभ उठाने के एक और अवसर से वंचित कर देगी?’’ कांग्रेस अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है.
उल्लेखनीय है कि वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए थे. अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है.
अडाणी मामले में सवालों के जवाब उच्चतम न्यायालय की समिति से नहीं, जेपीसी जांच से मिलेंगे: कांग्रेस
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि अडाणी समूह से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति की जांच से सिर्फ भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों का उल्लंघन होने या न होने के बारे में पता चलेगा, लेकिन इस पूरे प्रकरण को लेकर संसद में जो सवाल उठाए गए, उनके जवाब सिर्फ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से ही मिल सकते हैं.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह मामला राजनीति और कॉरपोरेट के बीच सांठगांठ का है और इस पर जेपीसी जांच होनी चाहिए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मामला सिर्फ सेबी के नियमों के उल्लंघन तक ही सीमित नहीं है. इसमें आगे भी कई सारे मुद्दे शामिल हैं. इससे जुड़े सवालों के जवाब उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित जांच समिति नहीं दे सकती. यह जवाब सिर्फ जेपीसी की जांच से ही मिल सकता है.’’
रमेश का कहना था, ‘‘यह (न्यायालय की) समिति भले अपनी जांच करेगी, लेकिन हमें (इससे) कोई उम्मीद नही है.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन) खरगे ने संसद में सवाल उठाये थे. उन सवालों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है. इन सवालों के जवाब जेपीसी के माध्यम से ही देश के सामने आ सकते हैं.’’