बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी: पहलवानों ने अपनी शिकायतों को बयां किया

नयी दिल्ली. डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह वयस्क पहलवानों व एक नाबालिग पहलवान के पिता की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों में करीब एक दशक की अवधि में आरोपी द्वारा अलग-अलग समय और विदेश सहित विभिन्न स्थानों पर यौन उत्पीड़न, अनुचित तरीके से छूने, टटोलने, पीछा करने और डराने-धमकाने के कई कथित मामलों का उल्लेख है.

दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को कनॉट प्लेस पुलिस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं, जिसमें एक में नाबालिग पहलवान के पिता द्वारा दी गई शिकायत पर बच्चों को यौन शोषण से संरक्षण दिलाने वाला पॉक्सो अधिनियम लगाया गया था, जिसमें दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल की सजा होती है.

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में सिंह पर भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाया गया है, जिसमें एक महिला की लज्जा भंग करने के लिए उस पर हमला करना (धारा 354), यौन उत्पीड़न (354 ए), पीछा करना (354 डी) शामिल है, जो दो-तीन साल की जेल की सजा के साथ दंडनीय है. कुछ शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सिंह ने उनके करियर में मदद करने का वादा करके “यौन फायदा” उठाने का प्रयास किया.

सिंह ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित हो जाता है तो भी वह फांसी लगा लेंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि सभी पहलवान उनके बच्चों की तरह हैं और वह उन्हें दोष नहीं देंगे क्योंकि उनकी सफलता में उनका खून-पसीना भी शामिल है.

छह पहलवानों द्वारा दायर प्राथमिकी में भारतीय कुश्ती महासंघ(डब्ल्यूएफआई) के सचिव विनोद तोमर को भी आरोपी बनाया गया है.
वयस्क पहलवानों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में एक ने आरोप लगाया, “जब मैं प्रशिक्षण ले रही थी, तब आरोपी ने मुझे अलग से बुलाया, जिससे मैंने इनकार कर दिया क्योंकि आरोपी अन्य लड़कियों को भी अनुचित तरीके से छू रहा था. आरोपी ने हालांकि मुझे फिर से बुलाया, जिसने फिर मेरी टी-शर्ट खींची और अपना हाथ मेरे पेट के नीचे सरका दिया और मेरी सांस की जांच के बहाने मेरी नाभि पर हाथ रख दिया.”

इस पहलवान ने आरोप लगाया, “होटल में मेरे ठहरने के दौरान मैंने देखा कि सभी महिला एथलीट जब भी अपने-अपने कमरे से निकलती थीं तो समूहों में यात्रा करती थीं ताकि आरोपी से अकेले न मिलें.” दूसरी पहलवान ने आरोप लगाया, “जब मैं मैट पर जमीन पर स्ट्रेचिंग/वार्मअप कर रही थी, तभी आरोपी वहां आ गया और साइड में खड़ा होकर मुझे देख रहा था.” उसने आरोप लगाया, “जब मैं चटाई पर लेटी हुई थी, आरोपी मेरे पास आया और मेरे प्रशिक्षक की अनुपस्थिति में अचानक मुझ पर झुक गया और मेरी अनुमति के बिना मेरी टी-शर्ट खींची तथा अपना हाथ मेरे स्तन पर रख दिया तथा मेरे श्वास की जांच/निरीक्षण के बहाने उसे मेरे पेट के नीचे सरका दिया और मुझे अनुपयुक्त तरीके से छुआ.” एक अन्य पहलवान ने आरोप लगाया कि टीम की तस्वीर लेने के दौरान उसे परेशान किया गया.

उसने आरोप लगाया, “जब मैं आखिरी कतार में खड़ी थी और दूसरे पहलवानों के पोजीशन लेने का इंतजार कर रही थी, तभी आरोपी मेरे पास आकर खड़ा हो गया. मुझे झटका सा लगा और मैं चौंक गई जब मैंने अचानक अपने नितंब पर किसी का हाथ महसूस किया. मैंने तुरंत पीछे मुड़कर देखा और मैं डर गयी, आरोपी ने अपने हाथ मेरे नितंब पर रख दिए थे…हालांकि, जब मैंने वहां से जाने की कोशिश की, तो आरोपी ने जबरन मेरा कंधा पकड़ लिया. किसी तरह आरोपी के चंगुल से छूटी.”

चौथी पहलवान ने कहा, ”एक पदक समारोह के दौरान आरोपी ने मुझे फोन किया और मुझसे निजी सवाल पूछने लगे. एक बार जब समारोह समाप्त हो गया, तो उसने मेरे साथ एक तस्वीर क्लिक करने के बहाने जबरदस्ती मेरी इच्छा के विरुद्ध मुझे मेरे कंधे से पकड़कर कसकर खींच लिया और मुझे एक तस्वीर खिंचवाने के लिए मजबूर किया.” प्राथमिकी में कहा गया, ”अपने आप को बचाने के लिए, मैंने आरोपी से दूर जाने की कोशिश की और उसे बताया कि मेरे पास फोटो खिंचवाने के लिए मोबाइल फोन नहीं है. आरोपी ने जवाब में कहा कि उसके पास एक मोबाइल फोन है और तस्वीर उसकी डिवाइस से ली जा सकती है.” पांचवीं पहलवान ने कहा कि सिंह ने सप्लीमेंट खरीदने की पेशकश कर उसे घूस देने की कोशिश की.

उसने कहा, ”मैंने चैंपियनशिप में मेडल जीता है. जब मैं अपने कमरे में आराम कर रही थी, एक फिजियोथेरेपिस्ट मेरे कमरे में आया और मुझे बताया कि अध्यक्ष/आरोपी मुझे अपने कमरे में बुला रहे हैं. मैंने सोचा, चूंकि मैंने चैंपियनशिप जीत ली थी, इसलिए आरोपी मुझे बधाई देना चाहते थे.” उसने दावा किया, ”मैं उस कमरे में गयी जहां मैं आरोपी से मिली थी. उन्होंने मेरे माता-पिता से फोन पर मेरी बात कराई, क्योंकि उस समय मेरे पास निजी मोबाइल फोन नहीं था.”

पहलवान का आरोप है, ”हालांकि, फोन कॉल समाप्त होने के बाद आरोपी ने मुझे अपने बिस्तर की ओर बुलाया जहां वह बैठा था और फिर अचानक, उसने मेरी अनुमति के बिना मुझे जबरदस्ती गले लगा लिया.” प्राथमिकी में कहा गया, ”उसने अपने यौन इरादों को पूरा करने के लिए, उसने यौन संबंध बनाने के बदले मुझे सप्लीमेंट्स खरीदने की पेशकश कर रिश्वत देने की भी कोशिश की.” नाबालिग के पिता द्वारा की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ने उनकी बेटी को जबरन अपनी ओर खींचा और उसका यौन उत्पीड़न किया, जिसके बाद वह ‘पूरी तरह से परेशान और डरी हुई’ थी.

उन्होंने आरोप लगाया, ”पदक जीतने के बाद डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष/आरोपी ने मेरी बेटी के साथ तस्वीर लेने के बहाने जबरदस्ती उसे अपनी ओर खींच लिया और उसकी बाहों से इतना कस कर पकड़ लिया कि वह हिल भी नहीं सकती थी और न ही उसके चंगुल से छूट सकती थी.” प्राथमिकी में कहा गया, ”उसे इतनी कसकर पकड़े हुए और तस्वीर लेने का नाटक करते हुए, आरोपी ने उसे और अपनी तरफ खींचा और उसके कंधे पर बहुत जोर से दबाया और फिर जानबूझकर अपना हाथ उसके कंधे के नीचे सरका दिया और उसके स्तनों पर हाथ फेरा….” शिकायतकर्ताओं ने भारत और विदेश में विभिन्न मौकों व स्थान पर और चैंपियनशिप के आयोजन के दौरान भी सिंह पर ऐसी हरकतें करने का आरोप लगाया.

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