अमित शाह की अपील के बाद मणिपुर में लोगों ने 140 से ज्यादा हथियार सौंपे

इंफाल. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से एक दिन पहले की गयी अपील के बाद मणिपुर में विभिन्न स्थानों पर लोगों ने 140 से अधिक हथियार जमा कराये हैं. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अमित शाह ने मणिपुर के अपने चार दिवसीय दौरे के आखिरी दिन बृहस्पतिवार को सभी संबंधितों पक्षों से अपील की थी कि वे अपने हथियार सुरक्षाबलों और प्रशासन को सौंप दें.

शाह ने यह भी चेतावनी दी थी कि राज्य में जल्द ही तलाशी अभियान चलाया जाएगा और किसी के पास कोई हथियार पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि इंफाल में गृह मंत्री की अपील के बाद शुक्रवार सुबह तक 140 से अधिक हथियार सौंपे जा चुके हैं.

सूत्रों के मुताबिक मणिपुर में ज्यादातर जिलों में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण है और उपद्रवियों द्वारा खाली घरों में गोलियां चलाने या आग लगाने की छिटपुट घटनाएं अब दुर्लभ होती जा रही हैं क्योंकि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं. सौंपे गए हथियारों में सेल्फ-लोडिंग राइफलें, कार्बाइन, एके और इंसास राइफलें, लाइट मशीन गन, पिस्तौल, एम-16 राइफल, स्मोक गन/आंसू गैस, स्टेन गन और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं.

तीन मई को मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद गृह मंत्री ने पहली बार पूर्वोत्तर राज्य का दौरा किया है. मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद जातीय हिंसा भड़क उठी थी. अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मेइती समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च’ का आयोजन किया गया था.

मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है. कुछ सप्ताह की खामोशी के बाद पिछले रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई. अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ.कर 80 हो गई है. सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार सुबह तक सामुदायिक हॉल सहित 272 राहत शिविरों में करीब 37,450 लोग रह रहे हैं.

मणिपुर में जातीय हिंसा में 98 की मौत, 310 घायल: सरकार

मणिपुर में एक महीने पहले भड़की हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान जा चुकी है और 310 लोग घायल हो गये. सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी बयान के अनुसार इस समय 272 राहत शिविरों में कुल 37,450 लोग हैं. उसने कहा कि राज्य में हिंसा शुरू होने के बाद से आगजनी के 4,014 मामले सामने आये हैं.

सीएमओ के मुताबिक, ‘‘मौत के मामले 98 रहे और घायलों की संख्या 310 दर्ज की गयी है.’’ बयान के अनुसार पिछले एक महीने में राज्य पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 3,734 मामले दर्ज किये हैं और हिंसा में संलिप्तता के मामले में 65 लोगों को गिरफ्तार किया है.
उसने कहा, ‘‘विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों की वजह से अब उपद्रवियों द्वारा गोलीबारी या घरों को जलाने की इक्का-दुक्का घटनाएं ही सामने आ रही हैं.’’ मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया कि संवेदनशील क्षेत्रों में सेना, असम राइफल्स, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और स्थानीय पुलिस को लगाया गया है.

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