आईबीसी के तहत सिर्फ 17.6% कर्ज की वसूली हुई, क्या यह ‘संगठित लूट’ की व्यवस्था है?: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत कर्ज की कम वसूली को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या यह संकटग्रस्त कंपनियों को उबारने की व्यवस्था है या फिर ‘संगठित लूट’ का एक माध्यम है.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देना चाहिए.
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ”देश में एक और संगठित लूट हुई है. 2016-2023 के बीच जितने मामले आईबीसी के अंतर्गत गए, उनमें कुल कर्ज के 17.6 प्रतिशत की ही वसूली हो पाई. बाकी 82.4 प्रतिशत पैसा बट्टे खाते में डाल दिया गया.” वल्लभ ने यह भी कहा, ”यही नहीं, 75 प्रतिशत मामलों में ‘स्क्रैप सेल’ हुई यानी कई कंपनियां भंगार के भाव बिक गईं.”

कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, ”2016 में आईबीसी के लिए तालियां पीटी गईं. इसे बड़ा बैंकिंग सुधार बताया गया. यह कहा गया था कि बैंको के कर्ज की वसूली बढ.ेगी, लेकिन 8 साल में वसूली सिर्फ 17.6 प्रतिशत रही.” उन्होंने सवाल किया, ”क्या आईबीसी संकटग्रस्त कंपनियों को बचाने की व्यवस्था है या फिर एक और संगठित लूट का माध्यम है.” वल्लभ ने कहा, ”इस मामले पर प्रधानमंत्री जी, वित्त मंत्री जी को जवाब देना चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button