अयोध्या जिला प्रशासन ने बृजभूषण शरण सिंह को पांच जून को संत सम्मेलन के आयोजन की अनुमति नहीं दी

अयोध्या. अयोध्या जिला प्रशासन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को यहां राम कथा पार्क में पांच जून को संत सम्मेलन के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे हुए हैं.

पुलिस क्षेत्राधिकारी (अयोध्या) एस पी गौतम ने कहा कि पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों के मद्देनजर बृजभूषण की ओर से भाजपा पार्षद चमेला देवी के माध्यम से मांगी गई अनुमति को नामंजूर कर दिया गया है.
वहीं, बृजभूषण ने फेसबुक पर जारी एक पोस्ट में कहा कि वह पांच जून को होने वाली ‘जन चेतना महारैली’ को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर रहे हैं, क्योंकि पुलिस पहलवानों द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है.

उन्होंने कहा, “मेरे प्यारे शुभचिंतकों! आपके समर्थन से मैं पिछले 28 वर्षों से लोकसभा सांसद के रूप में सेवाएं दे रहा हूं. मैंने सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है. इन्हीं कारणों से मेरे राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं.”

बृजभूषण ने लिखा, “वर्तमान स्थिति में कुछ राजनीतिक दल विभिन्­न स्­थानों पर रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ.ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं.” संतों की बैठक आयोजित करने के फैसले की वजह बताते हुए भाजपा सांसद ने कहा, “पूरे समाज में फैली बुराई पर विचार करने के लिए पांच जून को अयोध्या में एक ‘संत सम्मेलन’ आयोजित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब चूंकि पुलिस (पहलवानों द्वारा लगाए गए) आरोपों की जांच कर रही है, और उच्चतम न्यायालय के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए पांच जून को प्रस्तावित ‘जन चेतना महारैली’ और ‘अयोध्या चलो’ कार्यक्रम को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है.”

बृजभूषण ने कहा, “सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के लाखों समर्थकों और शुभचिंतकों ने विनम्र तरीके से मेरा समर्थन किया है. इसलिए, मैं सबका आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाता हूं कि मैं और मेरा परिवार हमेशा आपका कर्जदार रहेगा.” मालूम हो कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग पहलवान समेत सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है.

ये सभी पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक बहाने गए थे, लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. हालांकि, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अपनी मांगें मानने के लिए पांच दिन का समय दिया है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है. वहीं, दूसरी प्राथमिकी में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाए हैं. बृजभूषण उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं.

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