नये संसद भवन में लगाया भित्तिचित्र प्रागैतिहासिक अशोक साम्राज्य के प्रसार को दर्शाता है: बागची

नयी दिल्ली. भारत ने नये संसद भवन में एक भित्तिचित्र पर नेपाल और पाकिस्तान में कुछ ंिचताओं की पृष्ठभूमि में कहा कि यह भित्तिचित्र प्रागैतिहासिक अशोक साम्राज्य के प्रसार को दर्शाता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंिरदम बागची ने मीडिया ब्रींिफग में भित्तिचित्र को एक ऐसी कृति बताया जो प्रागैतिहासिक अशोक साम्राज्य के प्रसार को चित्रित करती है.

इस मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में बागची ने कहा, ‘‘उक्त भित्तिचित्र अशोक साम्राज्य के प्रसार को और जिम्मेदार तथा जन-हितैषी शासन के उस विचार को रेखांकित करता है जिसे उन्होंने (सम्राट अशोक ने) अपनाया था और प्रसारित किया था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यही बात भित्तिचित्र के सामने लगी पट्टिका में लिखी है. मुझे इस बारे में वाकई और कुछ नहीं कहना. मैं उन बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करुंगा जो अन्य नेताओं ने दिये हो सकते हैं.’’ भित्तिचित्र पर नेपाल में विवाद खड़ा हो गया है जिसे ‘अखंड भारत’ का मानचित्र बताया जा रहा है.

नये संसद भवन में लगाये गये भित्तिचित्र में भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण साम्राज्यों और शहरों को अंकित किया गया है और इसमें तत्कालीन तक्षशिला (इस समय के पाकिस्तान में) में प्राचीन भारत के प्रभाव को दर्शाया गया है. नेपाल में कुछ नेताओं ने भित्तिचित्र पर कड़ा ऐतराज जताया और कुछ ने तो अपने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड से भारत के साथ इस मुद्दे को उठाने को कहा. नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड इस समय भारत यात्रा पर हैं.

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रचंड ने अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत में भित्तिचित्र के मुद्दे को नहीं उठाया. बागची ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि क्या नेपाल में इस मामले में प्रदर्शन हो रहे हैं. नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने बृहस्पतिवार को कहा था कि नये संसद भवन में ‘अखंड भारत’ के भित्तिचित्र में उसके निकट पड़ोस में प्राचीन भारत के प्रभाव को दर्शाने से अनावश्यक कूटनीतिक विवाद पैदा हो सकते हैं.

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