कांग्रेस अगले तीन-चार विधानसभा चुनाव में भाजपा का ‘‘सफाया’’ कर देगी: राहुल गांधी
वाशिंगटन. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी अगले तीन-चार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ”सफाया” कर देगी. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास सत्तारूढ. पार्टी को हराने के लिए आवश्यक मूलभूत चीजें हैं और भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा भाजपा का समर्थन नहीं करता.
अमेरिका के तीन शहरों की अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को जाने माने भारतीय-अमेरिकी फ्रैंक इस्लाम द्वारा उनके लिए आयोजित स्वागत कार्यक्रम में यह टिप्पणी की. कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, ” लोगों को ऐसा लगता है कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और भाजपा की ताकत को रोका नहीं जा सकता, लेकिन ऐसा नहीं है. मैं यहां एक छोटी सी भविष्यवाणी करता हूं कि अगले तीन से चार चुनाव, जो हम भाजपा के खिलाफ सीधे लड़ेंगे, उनमें उसका सफाया होगा.”
उन्होंने कहा, ”मैं अभी आपको बता सकता हूं कि विधानसभा चुनाव में उनके लिए वास्तव में कठिन समय आने वाला है. हम उनके साथ वही करेंगे जो हमने कर्नाटक में किया है, लेकिन अगर आप भारतीय मीडिया से पूछेंगे तो वे कहेंगे कि ऐसा नहीं होगा.” कर्नाटक में 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल कर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था.
राहुल गांधी ने भारतीय-अमेरिकियों के आमंत्रित समूह, थिंक-टैंक समुदाय के सदस्यों और सांसदों से कहा कि भारतीय प्रेस वर्तमान में वह दिखा रहा है जो पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में है. उन्होंने कहा, ”इस बात को कृपया मानिए कि भारत के 60 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट नहीं देते, नरेन्द्र मोदी के लिए वोट नहीं देते. आपको यह याद रखना है. भाजपा के हाथ में शोर मचाने के साधन हैं, इसलिए वे चिल्ला सकते हैं.. वे चीजों को तोड़-मरोड़ सकते हैं और वे यह काम बेहद अच्छे तरीके से करते हैं. हालांकि उनके पास (उन्हें समर्थन करने वाली) भारतीय आबादी का विशाल बहुमत नहीं है.” राहुल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें यकीन है कि कांग्रेस, भाजपा को मात दे पाएगी.
नेशनल प्रेस क्लब (एनपीसी) में बृहस्पतिवार को मीडिया के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि देश में गुप्त तरीके से ऐसा माहौल बन रहा है जो अगले आम चुनावों में लोगों को हैरत में डाल देगा. इस साल के अंत में पांच राज्यों-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ., राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होंगे, जो 2024 में होने वाले महत्वपूर्ण आम चुनाव के लिए आधार तैयार करेंगे.
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष (52) ने कहा, ” लोकतांत्रिक ढांचे का पुर्निनर्माण आसान नहीं होगा. यह मुश्किल होगा. इसमें समय लगने वाला है, लेकिन हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि भाजपा को हराने के लिए हमारे पास बुनियादी चीजें हैं.” एनपीसी में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में राहुल ने कहा कि भारत में विपक्ष अच्छी तरह एकजुट है. उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह और भी एकजुट होता जा रहा है. हम सभी विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं. मेरा मानना है कि काफी काम हो रहा है.”
उन्होंने कहा, ”यह बड़ी जटिल चर्चा है क्योंकि कुछ जगहों पर हमारी (अन्य) विपक्षी दलों के साथ प्रतिस्पर्धा है. इसलिए आवश्यकतानुसार यह थोड़ा लेने और थोड़ा देने की बात है. लेकिन मुझे विश्वास है कि ऐसा होगा.” राहुल ने केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के साथ कांग्रेस के गठबंधन का बचाव करते हुए कहा कि मुस्लिम लीग पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, उसमें कुछ भी धर्मनिरपेक्षता विरोधी नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दुनियाभर में लोकप्रियता के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा, ”निश्चित रूप से देश के संस्थानों पर कब्जा है. निश्चित रूप से देश की प्रेस पर कब्जा है. मैं इस बात को नहीं मानता. मैं जो भी सुनता हूं, हर बात को नहीं मानता.” कांग्रेस यदि सत्ता में आई तो भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए क्या करेगी, इस पर राहुल गांधी ने कहा, ”भारत में पहले ही बहुत मजबूत प्रणाली रही है, लेकिन इस प्रणाली को कमजोर कर दिया गया है. ऐसे स्वतंत्र संस्थान चाहिए होंगे जिन पर दबाव और नियंत्रण नहीं हो. भारत में यही प्रतिमान रहा है. देश में कुछ भ्रम की स्थिति है. अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो इन्हें तेजी से दुरुस्त किया जा सकता है.” भारत में प्रेस की आजादी को कमजोर किये जाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता बहुत आवश्यक है.
उन्होंने कहा, ”यह केवल प्रेस की स्वतंत्रता की बात नहीं है. यह विभिन्न धुरियों पर राजनीतिक पहुंच है, उस संस्थागत ढांचे पर एक शिकंजा है जिसने भारत को बात करने की अनुमति दी, जिसने भारतीय लोगों को बातचीत करने की अनुमति दी…. और वह संरचना जो भारत के लोगों के बीच संवाद की अनुमति देती है, दबाव में आ रही है.” उन्होंने कहा कि मीडिया में लिखा जा रहा है कि चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हरा पाना नामुमकिन है.
राहुल ने कहा, ”आपने मीडिया में सुना होगा कि मोदी को हारा पाना असंभव है. यह सब बहुत ही बढ.-चढ.ाकर कहा गया है. मोदी वास्तव में काफी कमजोर हैं. देश में व्यापक स्तर पर बेरोजगारी है, महंगाई है और भारत में ये चीजें लोगों को बहुत जल्दी और बेहद गहराई से प्रभावित करती हैं.” बतौर सांसद अयोग्य घोषित किए जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”मेरे लिए यह देखना बहुत दिलचस्प रहा है कि यह प्रक्रिया कैसे चलती है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह लोकतंत्र पर हमला किया जाता सकता है. यह लोकतंत्र पर हमला करने का तरीका है. हालांकि यह मेरे लिए बेहद अच्छा रहा.”
गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत ने 2019 में ”मोदी उपनाम” को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े मामले में कुछ महीने पहले राहुल को आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी. सजा के ऐलान के बाद, कांग्रेस नेता को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वह केरल के वायनाड से सांसद थे.
राहुल ने कहा, ”यह मेरे लिए काफी अच्छा रहा क्योंकि इससे मुझे यह सीखने को मिला कि मुझे क्या करना है और कैसे करना है. मैं आप सभी का आपके समर्थन, प्यार और स्नेह के लिए शुक्रिया अदा करता हूं. यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है… खासकर अमेरिका आना और यह देखना कि कई लोग हैं जो भारतीय लोकतंत्र को बचाने और उसकी रक्षा करने के लिए लड़ने को तैयार हैं.”