चीन के यूक्रेन मामले के राजदूत ने सरकारों से ‘‘युद्ध मैदान में हथियार नहीं भेजने’’ की अपील की
बीजिंग: चीन द्वारा यूक्रेन के लिए तैनात राजदूत ली हुई ने शुक्रवार को अन्य सरकारों से अपील की है कि वे ‘‘युद्ध के मैदान में हथियारों की आपूर्ति करना बंद करें’’ और शांति वार्ता करें। हालांकि उन्होंने यूरोपीय देश की यात्रा के दौरान शांति समझौते में हुई प्रगति का कोई संकेत नहीं दिया।
ली हुई की अपील ऐसे समय आई है जब अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन की सेना को मिसाइलों, टैंक और अन्य हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं जो रूसी सेना को अपने इलाके से पीछे धकेलने की कोशिश कर रही है।
चीन की शी चिनंिफग सरकार ने कहा है कि उसका यूक्रेन-रूस युद्ध पर तटस्थ रुख है और वह दोनों देशों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहता है। हालांकि वह राजनीतिक रूप से रूस का समर्थन करता है।
ली ने संवाददाताओं ने कहा, ‘‘चीन का मानना है कि अगर हम वास्तव में युद्ध समाप्त करना चाहते हैं, ंिजदगियों को बचाना और शांति को मूर्त रूप देना चाहते हैं तो हमारे लिए जरूरी है कि हम युद्ध मैदान में हथियार भेजना बंद करें नहीं तो तनाव में इजाफा ही होगा।’’ उल्लेखनीय है कि 15 से 28 मई के बीच यूरोपीय देशों की यात्रा पर गए ली ने यूक्रेन, रूस, पोलैंड, फ्रांस, जर्मनी के साथ यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा किया था।
वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की पहल के कामयाब होने की बहुत ही कम संभावना है, लेकिन इससे बींिजग को वैश्विक स्तर पर अपनी कूटनीतिक भूमिका बढ़ाने में मदद मिलेगी। बींिजग ने इस साल मई में शांति प्रस्ताव पेश किया था लेकिन यूक्रेन के सहयोगी देशों ने जोर दिया था कि पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी सेना यूक्रेन से वापस बुलाएं।