पार्थ चटर्जी पर अस्पताल के नजदीक महिला ने जूता फेंका

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता और कथित शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी पर मंगलवार को कोलकाता के अम्ताला इलाके में एक महिला ने जूता फेंका. यह घटना उस समय हुई, जब प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) के अधिकारी उन्हें अपनी सुरक्षा में अस्पताल से बाहर लेकर आ रहे थे. हालांकि, जूता चटर्जी को नहीं लगा.

ईडी के अधिकारी चटर्जी को मंगलवार को चिकित्सा जांच के लिए जोका स्थित ईएसआई अस्पताल ले गए थे. घटना को अंजाम देने वाली अधेड़ उम्र की महिला शुभ्रा घोरुई ने बताया कि वह ईडी के छापे में चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी और गहने मिलने से नाराज थी.

महिला ने कहा, ‘‘ मैं (पार्थ) चटर्जी को अपने जूतों से मारने आई थी.लोगों को धोखा देने के बाद वह वातानुकूलित कार में घूम रहे हैं. उन्हें रस्सी से बांधकर घसीटना चाहिए…मैं नंगे पांव घर जाऊंगी.’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह केवल मेरा आक्रोश नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के लाखों लोगों का गुस्सा है.’’ इस घटना के बाद चटर्जी को ईडी के सुरक्षाकर्मी वाहन में बैठाकर अस्पताल परिसर से ले गए.

घोरुई घटना के समय अपने रिश्तेदार के साथ चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल आई थी. गौरतलब है कि करोड़ों रुपये के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में ईडी ने चटर्जी और मुखर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार तृणमूल नेता को ईडी के अधिकारी जोका स्थित ईएसआई के अस्पताल ले गए थे और उस दौरान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी.

चटर्जी गिरफ्तारी के समय पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री थे, जबकि कथित घोटाले के समय राज्य के शिक्षामंत्री थे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गिरफ्तारी के बाद चटर्जी को अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया था. पूर्व में भी कई नेताओं को नाराज लोगों द्वारा जूते और चप्पलों से निशाना बनाया गया है. आम आदमी पार्टी सेना के एक सदस्य ने वर्ष 2016 में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल पर जूता उछाल दिया था. अप्रैल 2009 में पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम भी एक सिख पत्रकार द्वारा फेंके गए जूते से बाल-बाल बचे थे.

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