राष्ट्रमंडल खेल: भारोत्तोलक विकास ठाकुर को पुरुष 96 किग्रा वर्ग में रजत पदक

बर्मिंघम. भारत के हैवीवेट भारोत्तोलक विकास ठाकुर ने मंगलवार को यहां 96 किग्रा वर्ग में रजत पदक के साथ राष्ट्रमंडल खेलों का एक और पदक अपने नाम किया. अनुभवी ठाकुर ने कुल 346 किग्रा (155 किग्रा और 191 किग्रा) वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया और इस दौरान अपने लगातार तीसरे राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता. ठाकुर का राष्ट्रमंडल खेलों में यह दूसरा रजत पदक है. वह 2014 ग्लास्गो खेलों में भी दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि गोल्ड कोस्ट में 2018 में उन्होंने कांस्य पदक जीता था.

समोआ के डॉन ओपेलोगे ने कुल 381 किग्रा (171 किग्रा और 210 किग्रा) वजन उठाकर रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता और अपने 2018 के प्रदर्शन के सुधार किया जहां उन्होंने रजत पदक जीता था. फिजी के टेनिएला टुइसुवा रेनीबोगी ने कुल 343 किग्रा (155 किग्रा और 188 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया.

राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के पांच बार के पदक विजेता ठाकुर स्रैच में तीन प्रयास में 149 किग्रा, 153 किग्रा और 155 किग्रा वजन उठा और वह इस वर्ग के खत्म होने के बाद संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर चल रहे थे. क्लीन एवं जर्क में ठाकुर ने 187 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की. दूसरे प्रयास में उन्हें 191 किग्रा वजन उठाने के लिए थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन पंजाब का भारोत्तोलक इस प्रयास में सफल रहा और इसका जश्न उन्होंने अपनी जांघ पर हाथ मारकर मनाया जिसे भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने लोकप्रिय किया है.

रजत पदक सुनिश्चित होने के बाद ठाकुर ने अपने अंतिम प्रयास में 198 किग्रा वजन उठाने का प्रयास किया जो उनके निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से एक किग्रा अधिक था. वह हालांकि यह वजन उठाने में विफल रहे. लेकिन यह स्पर्धा ओपेलोगे के नाम रही जिन्होंने स्रैच, क्लीन एवं जर्क तथा कुल भार तीनों वर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया. स्थानीय दावेदार सिरिल टीचैटचेट ने निराश किया क्योंकि वह क्लीन एवं जर्क में एक भी वैध प्रयास नहीं कर पाए.

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