कसाब को भी इतनी सुरक्षा नहीं दी गई थी, जितनी ‘बागी’ विधायकों को दी जा रही : आदित्य ठाकरे
मुंबई. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए बागी विधायकों को कड़ी सुरक्षा प्रदान करने पर सवाल उठाए. शिंदे के समर्थक बागी विधायक रविवार को विशेष बसों के जरिये पास के लग्जरी होटल से विधान भवन परिसर पहुंचे.
आदित्य ने कहा, ‘‘कसाब को भी इतनी सुरक्षा नहीं दी गई थी. हमने मुंबई में ऐसी सुरक्षा पहले कभी नहीं देखी. आप क्यों डरे हुए हैं? क्या कोई भाग जाएगा? इतना डर क्यों है?’’ पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमलों के दौरान जिंदा पकड़ा गया था और पुणे की येरवदा जेल में उसे फांसी दी गई थी.
महाराष्ट्र में चार दिन पहले बनी शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा की गठबंधन सरकार को चार जुलाई को विधानसभा सत्र के दौरान विश्वास मत का सामना करना है. शिंदे को समर्थन देने वाले शिवसेना के बागी विधायक शनिवार शाम गोवा से मुंबई लौट आए. उन्हें दक्षिण मुंबई के एक होटल में रखा गया है, जो विधान भवन के पास स्थित है.
आरे में मेट्रो कारशेड के निर्माण का विरोध मुंबई की जैव विविधता बचाने के लिए
मुंबई के हरित क्षेत्र आरे में मेट्रो रेल ‘कार शेड’ के निर्माण का विरोध करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व पर्यावरण मंत्री और युवा सेना (शिवसेना की युवा शाखा) के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने रविवार को कहा कि इस परियोजना का विरोध महानगर की जैव विविधता को बचाने के लिए किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मुंबई के उत्तर-पश्चिम हिस्से में स्थित आरे और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के आसपास लगातार तेंदुए देखे जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आरे से जुड़ा विरोध केवल 2,700 से अधिक पेड़ों को बचाने के लिए नहीं है बल्कि यह जैव विविधता से जुड़ा विषय भी है और हम मुंबई में इसे बचाना चाहते हैं.’’ ठाकरे ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि मेट्रो कार शेड के लिए चिह्नित स्थल पर रोजना तेंदुओं और अन्य वन्य जीव-जंतुओं को देखा जाता है तथा पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को 800 एकड़ इलाके को वन घोषित करने को लेकर गर्व है.
गौरतलब है कि राज्य में एकनाथ ंिशदे के नेतृत्व में गठित नयी सरकार ने आरे में मेट्रो-3 लाइन के लिए कार शेड बनाने की दिशा में कदम उठाया है. हालांकि, पर्यावरण कार्यकर्ता और कुछ राजनीतिक दल आरे मेट्रो कारशेड के निर्माण का विरोध कर रहे हैं. पूर्ववर्ती सरकार ने कार शेड आरे के बजाय कांजूरमार्ग में बनाने का फैसला किया था.