कुलदीप बिश्नोई ने विधायक पद से दिया इस्तीफा, भाजपा में शामिल होने की तैयारी

चंडीगढ़. कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. वह बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे. कांग्रेस ने जून में हुए राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई के ‘क्रॉस वोंिटग’ करने के बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था.

आदमपुर से मौजूदा विधायक बिश्नोई (53) ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा. बिश्नोई के इस्तीफे के बाद अब हिसार जिले की आदमपुर सीट पर उपचुनाव कराना होगा. कांग्रेस से औपचारिक रूप से अलग होने के बाद बिश्नोई ने कहा, ‘‘ मैं एक आम कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा में शामिल हो रहा हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी और अपने समर्थकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है.’’ इस्तीफा देने के बाद बिश्नोई ने कांग्रेस नेता भूपेंद्र ंिसह हुड्डा को आदमपुर से चुनाव लड़ने की चुनौती दी.

उन्होंने कहा, ‘‘ हुड्डा ने मुझे चुनौती दी थी कि कुलदीप बिश्नोई (भाजपा में शामिल होने से) पहले इस्तीफा दें. मैं अब उन्हें, जो 10 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं, चुनौती देता हूं कि आदमपुर में मेरे या मेरे बेटे के खिलाफ चुनाव लड़ें.’’ कांग्रेस ने जून में हुए राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई के ‘क्रॉस वोंिटग’ करने के बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था. चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे बिश्नोई पार्टी से पहले से ही नाराज चल रहे थे. इस साल की शुरुआत में उन्हें कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख पद पर नियुक्त न किए जाने के बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए थे.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई दूसरी बार कांग्रेस से नाता तोड़ रहे हैं. पार्टी से अलग होने के बाद करीब छह साल पहले ही वह दोबारा कांग्रेस से जुड़े थे. बिश्नोई ने कहा कि ‘‘मैंने अपनी और अपने समर्थकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए’’ विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस भी छोड़ दी है.

बिश्नोई ने कहा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा से भटक गई है और अब वह इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी के समय वाली पार्टी नहीं रही.
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि कांग्रेस अब वह इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी के समय वाली पार्टी नहीं रही. कांग्रेस अपनी विचारधारा से भटक गई है. वह अब चाटुकारों की पार्टी बन गई है. अधिकतर वे लोग पार्टी चला रहे हैं, जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा है या जो एक दशक से (चुनाव) नहीं जीते हैं.’’

कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख उदयभान द्वारा यह कहे जाने पर कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में होने की वजह से बिश्नोई भाजपा में शामिल हो रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘ अभी तक, मुझे ईडी का कोई नोटिस नहीं मिला है और न ही मुझे तलब किया गया है.’’ बिश्नोई ने कहा, ‘‘तीन साल पहले आयकर विभाग ने कुछ छापेमारी की थी और सभी मामलों का लगभग निपटारा हो गया है.’’ बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने हमेशा ईमानदारी और सिद्धांतों की राजनीति की है.

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसका फैसला भाजपा करेगी कि आदमपुर से उपचुनाव कौन लड़ेगा, लेकिन वह और उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि उनके बेटे भव्य बिश्नोई वहां से चुनाव लड़ें. बिश्नोई ने कहा, ‘‘ पार्टी जो भी फैसला करेगी, हम उसका सम्मान करेंगे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि यह कहना गलत होगा कि नरेंद्र मोदी सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्रियों में से एक हैं. हरियाणा में, मैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के काम करने के तरीके से खुश हूं.’’ वर्ष 2005 में राज्य में कांग्रेस की जीत के बाद भूपेंद्र ंिसह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर बिश्नोई और उनके पिता भजनलाल ने 2007 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) बनाई थी. हजकां ने बाद में भाजपा और दो अन्य दलों के साथ गठबंधन कर लिया था और 2014 का लोकसभा चुनाव हरियाणा में साथ लड़ा था. हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया था.

करीब छह साल पहले बिश्नोई कांग्रेस में लौटे थे. हालांकि, वापसी के बावजूद उनके और हुड्डा के बीच संबंध कभी गर्मजोशी भरे नहीं रहे. बिश्नोई ने मंगलवार शाम आदमपुर में अपने समर्थकों के साथ एक बैठक की थी और भाजपा में शामिल होने पर सुझाव मांगे थे, जिसका उनके सभी समर्थकों ने हाथ उठाकर समर्थन किया था. इसके बाद उन्होंने उनसे कहा कि लंबे वनवास को समाप्त करने का समय आ गया है.

हाल के हफ्तों में, बिश्नोई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठकें की हैं. घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर हुड्डा ने मंगलवार को कहा था कि बिश्नोई अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में फैसला करने को स्वतंत्र हैं.

हुड्डा ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘ उनके (बिश्नोई) विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद, सीट रिक्त हो जाएगी. कांग्रेस आदमपुर में उपचुनाव के लिए तैयार है.’’ हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 40 विधायक हैं और बिश्नोई के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 30 विधायक हैं. जननायक जनता पार्टी के 10, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी का एक-एक और सात निर्दलीय विधायक हैं. इस साल की शुरुआत में कांग्रेस ने हुड्डा के करीबी उदयभान को पार्टी की हरियाणा इकाई का प्रमुख नियुक्त किया था.

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