डोपिंग में लिप्त लोगों पर समय रहते कार्रवाई जरूरी : पी टी ऊषा
नयी दिल्ली. प्रख्यात खिलाड़ी पी टी ऊषा ने बुधवार को सभी प्रतियोगिताओं को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के तहत लाने पर जोर दिया और खिलाड़ियों को चोटों से उबरने में मदद करने के लिए खेल चिकित्सा और विज्ञान के क्षेत्र में अधिक ध्यान देने की मांग की.
राज्यसभा में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए ऊषा ने कहा कि देश उन व्यक्तियों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है जिनकी स्टेरॉयड के लिए की गई जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और उन्हें डोपिंग के लिए दंडित किया गया. उच्च सदन के लिए पिछले माह मनोनीत किए जाने के बाद, अपने पहले संबोधन में, उन्होंने कहा, ‘‘हमने अभी तक अपने देश में डोपिंग के लिए समुचित ध्यान नहीं दिया है.
यह समस्या पहले केवल सीनियर स्तर, राष्ट्रीय स्तर तक ही सीमित थी लेकिन अब जूनियर स्तर, कॉलेज और जिला स्तर पर पहुंच गयी है. यह गंभीर चिंता का विषय है जिसे तत्काल हल करने की आवश्यकता है.’’ ऊषा ने कहा कि देश में खेल चिकित्सा और खेल विज्ञान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि खेलों में अग्रणी देशों ने अपने यहां खेल चिकित्सा प्रणाली को पर्याप्त समर्थन दिया जिसकी भारत में कमी थी.
पिलावुल्लाकंदी थेकेरापरम्बिल ऊषा ने कहा, ‘‘नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को अब बेहतर कोच, कोचिंग, आहार, अभ्यास और आराम की सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन एक विभाग है जिस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और वह है खेल चिकित्सा और खेल विज्ञान का क्षेत्र.’’ उन्होंने कहा कि चोटें खेल का अभिन्न हिस्सा हैं और खेल विज्ञान और चिकित्सा विभाग को चोटों से उबरने में खिलाड़ियों की मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.
ऊषा ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हमारे देश में यह शाखा अभी शुरुआती अवस्था में है. हमें इस क्षेत्र पर तत्काल और विशेष ध्यान देने की जरूरत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह आत्मनिर्भर बनने का समय है और मैं सुझाव देती हूं कि यह आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत आना चाहिए.’’ डोपिंग के बारे में उन्होंने कहा कि कानून की मदद से खतरनाक स्थिति को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है किंतु समस्या के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए और अधिक प्रभावी उपायों की आवश्यकता है.
ऊषा ने कहा, ‘‘बेहतरीन प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है और स्टेरॉयड तथा ऐसे पदार्थों के उपयोग के बाद जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है उनके खिलाफ समय पर कार्रवाई और उचित प्रतिबंध में देरी नहीं होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा ‘‘इसके साथ ही राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की गतिविधि में तेजी लाई जाए और उसे बिना किसी बाधा के काम करने की आजादी दी जाए. ’’ उन्होंने कहा कि नाडा और दिल्ली स्थित राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) दोनों को आवश्यक वित्तीय स्वतंत्रता मिलनी चाहिए.
ऊषा ने सभी प्रतियोगिताओं को नाडा की निगरानी में लाने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यदि देश सभी वैज्ञानिक प्रक्रियाओं का पालन करता है, तो अगले दस वर्षों में भारत दुनिया के शीर्ष खेल देशों में से एक बन जाएगा. उड़न परी कहलाने वाली प्रख्यात धाविका ऊषा ने खेलों की ओर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया.