ऋषि सुनक ने इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ सख्त कार्रवाई का किया वादा

लंदन. ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने बुधवार को वादा किया कि वह इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने इस्लामी चरमपंथ को ब्रिटेन के लिए ‘‘सबसे बड़ा खतरा’’ करार देते हुए कहा कि वह चरमपंथ की मौजूदा सरकारी परिभाषा को विस्तृत करेंगे और आंतकवाद रोधी कानूनों को और मजबूत करेंगे.

पूर्व वित्त मंत्री 42 वर्षीय सुनक प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अपनी प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस से अंतर पाटते नजर आ रहे हैं. उन्होंने ब्रिटेन में चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले संगठनों को नष्ट करने का भी संकल्प लिया. सुनक ने कहा कि वह इस्लामी चरमपंथ से निपटने के लिए सरकार के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे व ‘‘असफल हो रहे’’ निषेधात्मक कार्यक्रम पर भी फिर से ध्यान केंद्रित करेंगे.

कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों का मत जीतने के लिए चल रहे अभियान के तहत उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के लिए हमारे देश और लोगों को सुरक्षित रखने से अधिक महत्वपूर्ण कोई कर्तव्य नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस्लामी चरमपंथ से निपटने के लिए कोशिशों को दोगुना करना हो या हमारे देश में नफरत फैला रहे लोगों से निपटना हो, मैं इस कर्तव्य को पूरा करने के लिए जो कुछ भी जरूरी होगा, करूंगा.

ब्रिटेन स्वतंत्रता, सहिष्णुता और विविधता का प्रकाशपुंज हैं. हम उन लोगों को कभी सफल नहीं होने देंगे जो हमारी जीवनशैली को कमतर या नष्ट करना चाहते हैं.’’ ‘रेडीफॉरऋषि’ अभियान की टीम ने ब्रिटेन को आतंकवाद से बचाने के लिए और इस्लामी चरमपंथ से निपटने के लिए ‘‘विस्तृत महत्वकांक्षी योजना’’ प्रस्तुत की है.

प्रधानमंत्री की दौड़ में लिज ट्रस ने ऋषि सुनक पर बड़ी बढ़त बनाई:सर्वेक्षण
ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच कराए गए नवीनतम सर्वेक्षण के बुधवार को आए नतीजों के मुताबिक प्रधानमंत्री पद की दौड़ में विदेश मंत्री लिज ट्रस ने पूर्व चांसलर ऋषि सुनक पर व्यापक बढ़त बना ली है. कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य ही नए नेतृत्व के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा लेंगे और निर्वाचित नेता मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का उत्तराधिकारी बनेगा.

‘द टाइम्स’ के लिए यूगॉव ने गत पांच दिनों में सर्वेक्षण किया और पाया कि ट्रस ने सुनक पर लगभग 38 प्रतिशत की बढ़त बना ली है. मौजूदा मंत्रिमंडल की सदस्य ट्रस का सर्वेक्षण में शामिल 69 प्रतिशत लोगों ने समर्थन किया जबकि सुनक के पक्ष में 31 प्रतिशत लोग रहे. उल्लेखनीय है कि यूगॉव द्वारा ही 20 जुलाई को कराए गए सर्वेक्षण में ट्रस को जहां 62 प्रतिशत समर्थन मिला था, वहीं सुनक के पक्ष में 38 प्रतिशत लोग दिखे थे.

यूगॉव ने नवीनतम आंकड़ों के बारे में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री पद की शुरुआती दौड़ में कंजर्वेटिव पार्टी के 21 प्रतिशत सदस्य तय नहीं कर पा रहे थे कि वे कैसे और किसके पक्ष में मतदान करेंगे. यह आंकड़ा अब गिरकर 13 प्रतिशत रह गया है और इसका सबसे अधिक लाभ ट्रस को होता दिख रहा है.’’ सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘‘ट्रस के पक्ष में दिख रहे 83 प्रतिशत सदस्यों ने कहा कि वे उनका समर्थन करने का मन बना चुके हैं जबकि 17 प्रतिशत सदस्यों ने कहा कि वे अपना मन बदल सकते हैं.

‘द टाइम्स’ के मुताबिक कंजर्वेटिव पर्टी के 60 प्रतिशत सदस्यों का कहना है कि वे ट्रस के पक्ष में मतदान करेंगे जबकि 26 प्रतिशत ने सुनक का समर्थन किया. बाकी अभी तय नहीं कर पा रहे हैं किसका साथ दिया जाए. सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि ट्रस सभी आयुवर्ग और देश के विभिन्न हिस्सों में सुनक से आगे चल रही हैं.

केवल एक श्रेणी में ट्रस के मुकाबले सुनक को बढ़त मिली है और वह है पार्टी के उन सदस्यों का समर्थन जिन्होंने 2016 में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में ही बने रहने का समर्थन किया था. हालांकि, यह विरोधाभास है कि सुनक ने ब्रेक्जिट (यूरोपीय संघ से अलग होने) का समर्थन किया था जबकि ट्रस संघ में बने रहने के पक्ष में थीं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button