शेष भारत ने मध्य प्रदेश को 238 रन से रौंद कर ईरानी कप अपने नाम किया

ग्वालियर. गेंदबाजों के दबदबे वाले प्रदर्शन से शेष भारत ने ईरानी कप मैच के पांचवें दिन रविवार को मध्य प्रदेश पर 238 रन की शानदार जीत दर्ज की. जीत के लिए 437 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए पिछले घरेलू सत्र की रणजी ट्रॉफी चैंपियन टीम दूसरी पारी में 58.4 ओवर में 198 रन पर आउट हो गयी.

मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अब तक खेले गये तीनों टेस्ट स्पिन गेंदबाजों के दबदबे के बीच तीन दिन के अंदर खत्म हो गये. ऐसे में ग्वालियर की पिच उन दिनों की याद दिलाती है जब पिच से इससे खेल के हर विभाग को कुछ मदद मिलती थी. ईरान कप फाइनल में चार शतक लगे, 40 विकेट गिरे और खेल के दौरान तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को पिच से बराबर मदद मिली.
मध्य प्रदेश की दूसरी पारी में तेज गेंदबाजों और स्पिनरों ने पांच-पांच विकेट लिए.

तेज गेंदबाज मुकेश कुमार (34 रन पर दो विकेट), अतीत शेठ (37 रन पर दो विकेट) और नवदीप सैनी (34 रन पर एक विकेट) ने मध्य प्रदेश के शीर्ष क्रम को पवेलियन की राह दिखायी तो वही आॅफ स्पिनर पुलकित नारंग (27 रन पर दो विकेट) और बाएं हाथ के स्पिनर सौरभ कुमार (60 रन पर तीन विकेट) ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को चलता किया.

दिन की शुरुआत में हालांकि मध्य प्रदेश के कप्तान हिमांशु मंत्री (51) को खराब अंपायंिरग का खामियाजा भुगतना पड़ा. उन्होंने बीते दिन के अपने स्कोर में अभी एक भी रन का इजाफा नहीं किया था और अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया. रिप्ले में हालांकि दिखा की गेंद बल्ले से टकराए बिना विकेटकीपर के दस्ताने में गई थी.. मध्य प्रदेश की टीम इसके बाद लगातार अंतराल पर विकेट गंवाते रही. पहली पारी में शतक लगाने वाले यश दुबे मुकेश कुमार की शानदार गेंद पर बोल्ड हुए.

पहली पारी में 213 रन बनाने वाले जायसवाल ने दूसरी पारी में 144 रन का योगदान दिया जिससे शेष भारत ने इस पारी में 246 रन बनाये. शेष भारत ने पहली पारी में 484 रन बनाए थे जिसके जवाब में मध्य प्रदेश 294 रन बनाकर आउट हो गया था. मैच में कुल 357 रन बनाने वाले जायसवाल ने कहा, ‘‘ मैच के शुरुआती दिन अगर वह अपना विकेट बचा लेते तो उनके पास तिहरा शतक पूरा करने का मौका होता.’’ उन्होंने सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन (154) की तारीफ की. जायसवाल और ईश्वरन ने दूसरे विकेट के लिए 300 से अधिक रन की साझेदारी की थी.

उन्होंने मैन आॅफ द मैच चुने जाने के बाद पुरस्कार कार्यक्रम में कहा, ‘‘ मेरे साथ क्रीज पर ईश्वरन के रूप में एक अनुभवी जोड़ीदार था और उसके साथ खेलना शानदार रहा.’’ इस मुकाबले से एक और अच्छी खबर यह थी कि नवदीप सैनी ने दो पारियों में तेज गति से  29 ओवर गेंदबाजी की. ईश्वरन को भी यह भी दिखाने का मौका मिला उन्हें अगली पीढ़ी के सलामी बल्लेबाजों में क्यों बेहतरीन माना जाता है.

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