ओडिशा ट्रेन दुर्घटना: रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने घायल चालकों के बयान दर्ज किए

भुवनेश्वर. रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने रेल दुर्घटना में घायल हुए ट्रेन चालक गुणनिधि मोहंती और उनके सहायक हजारी बेहेरा के बयान दर्ज किए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. दोनों का एम्स-भुवनेश्वर में इलाज किया जा रहा है. दोनों को दो जून को बाहानगा बाजार के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस से निकाला गया था. इस हादसे में 275 यात्रियों की मौत हुई है, जबकि लगभग 1,200 यात्री घायल हुए हैं.

दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) आदित्य चौधरी ने पीटीआई-भाषा को बताया, “दोनों चालकों की हालत स्थिर है, मोहंती को सोमवार को आईसीयू से बाहर लाया गया.” दोनों चालकों के परिवारों ने लोगों से उनकी निजता का सम्मान करने की अपील की है और उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होने देने का अनुरोध किया है. उन्होंने दावा किया कि दोनों ट्रेन चालकों को दुर्घटना के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वे रेल नियमों के अनुसार ट्रेन चला रहे थे. इससे पहले रेल मंत्रालय ने एक तरह से दोनों को इस मामले में ‘क्लीन चिट’ दे दी थी.

चौधरी ने कहा कि एसईआर सर्कल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने सोमवार को दुर्घटना की जांच शुरू की और दोनों के बयान दर्ज किए.
सूत्रों ने कहा कि तीन जून को रेलवे अधिनियम की धाराओं के तहत राजकीय रेलवे पुलिस स्टेशन (जीआरपीएस), बालासोर में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. रविवार को रेलवे बोर्ड ने बालासोर ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

इस बीच, ओडिशा के मुख्य सचिव पी. के. जेना ने सोमवार को कहा कि ओडिशा सरकार दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के शवों को विभिन्न राज्यों में ले जाने का खर्च वहन करेगी. उन्होंने कहा कि बालासोर और भुवनेश्वर में अब तक 275 में से 170 शवों की पहचान की जा चुकी है. जेना ने कहा, “शोक संतप्त परिवारों की मदद के लिए शवों को विभिन्न गंतव्यों तक मुफ्त पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी.” उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र जल्द से जल्द प्रदान किया जाएगा और मृतकों के परिवारों को इलेक्ट्रॉनिक या स्पीड पोस्ट के माध्यम से यह भेजा जाएगा.

ओडिशा सरकार शवों को भेजने का खर्च वहन करेगी

ओडिशा के मुख्य सचिव पी के जेना ने सोमवार को कहा कि ट्रेन दुर्घटना में मारे गये लोगों के शवों को अलग-अलग राज्यों में ले जाने का खर्च ओडिशा सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि बालासोर और भुवनेश्वर में अब तक 275 में से 170 शवों की पहचान की जा चुकी है. जेना ने कहा, ”शोक संतप्त परिवारों की मदद के लिए शवों को विभिन्न गंतव्यों तक भेजने की निशुल्क व्यवस्था की जाएगी.” उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र जल्द से जल्द प्रदान किया जाएगा और इसे मृतक के परिवारों को इलेक्ट्रॉनिक या स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजा जाएगा.

राज्य सरकार ने ट्रेन हादसे में हताहतों के संबंध में जानकारी के लिए दो टोल-फ्री नंबर की भी घोषणा की है. जेना ने कहा कि देश भर से लोग इन नंबर पर फोन कर मृतकों और घायलों के बारे में जानकारी ले सकते हैं. मृतक यात्रियों की तस्वीरें भी सरकार की वेबसाइट पर अपलोड की गई हैं.

अखिल भारतीय आयुर्वज्ञिान संस्थान (एम्स)-भुवनेश्वर ने एक बयान में कहा कि उसे 123 शव मिले थे और सोमवार सुबह तक पहचान के बाद 24 (पश्चिम बंगाल के 16, बिहार के पांच, ओडिशा के दो और झारखंड के एक) को भेज दिया गया. रविवार को बालासोर से कम से कम 192 शवों को भुवनेश्वर लाया गया और छह निजी और सरकारी अस्पतालों के मुर्दाघर में रखा गया. एक सरकारी नोट के अनुसार, 1,207 घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिनमें से 1,009 को छुट्टी दी जा चुकी है. एक अधिकारी ने बताया, ”विभिन्न अस्पतालों में 198 घायल यात्री भर्ती हैं. एक को छोड़कर सभी की हालत स्थिर है.”

मौत के आंकड़ों को छिपाने का कोई इरादा नहीं : ओडिशा सरकार

ओडिशा के मुख्य सचिव पी के जेना ने कहा कि उनकी सरकार का बालासोर ट्रेन हादसे में मौत के आंकड़ों को छिपाने का कोई इरादा नहीं है और पूरा बचाव अभियान सभी की नजरों के सामने चल रहा है. मृतकों की संख्या में हेरफेर के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार पारर्दिशता में विश्वास रखती है.

जेना ने कहा, ”दुर्घटनास्थल पर शुरुआत से ही मीडियाकर्मी मौजूद हैं. सब कुछ कैमरों के सामने हो रहा है.” जेना ने कहा, ”रेलवे ने मृतकों की संख्या 288 बतायी है. हमने भी यही कहा है और यह संख्या रेलवे से मिली सूचना पर आधारित है. लेकिन, हमारे बालासोर के जिलाधिकारी ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की और रविवार सुबह 10 बजे तक यह संख्या 275 थी.” मृतकों की संख्या में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ शवों को दो बार गिन लिया गया था.

उन्होंने कहा कि दुर्घटनास्थल पर मीडियार्किमयों के प्रवेश पर भी कोई पाबंदी नहीं थी. उन्होंने कहा, ”बचाव और यहां तक कि मरम्मत का काम भी सभी के सामने किया गया.” गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके राज्य के 61 लोगों की मौत हुई है और 182 अब भी लापता हैं.

उन्होंने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूछा, ह्लअगर एक राज्य के ही 182 लोग लापता हैं और 61 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है, तो आंकड़े कैसे सही हैं?ह्व वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बनर्जी के आरोपों के संबंध में पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया.

मुख्य सचिव जेना ने कहा कि 275 शवों में केवल 108 की शिनाख्त हो सकी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी शवों की पहचान करना चाहती है ताकि उनका अंतिम संस्कार उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाए. जेना ने कहा, ”भीषण गर्मी के कारण शव तेजी से क्षत-विक्षत हो रहे हैं. अत: कानून के अनुसार राज्य अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम दो और दिन का इंतजार कर सकता है.”

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