BJP, RSS भविष्य की ओर देखने में ‘अक्षम’, मोदी ‘रियरव्यू मिरर’ देख भारतीय कार चला रहे हैं: राहुल

न्यूयॉर्क. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भविष्य की ओर देखने में ‘अक्षम’ करार दिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह केवल पीछे (रियरव्यू मिरर) देखकर भारतीय कार चलाने की कोशिश कर रहे हैं, जो ‘एक के बाद एक हादसों’ का कारण बनेगा.

अमेरिका की यात्रा पर आए राहुल ने ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस-यूएसए’ द्वारा रविवार को यहां जेविट्स सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया. राहुल की यात्रा का यह आखिरी पड़ाव था. इससे पहले उन्होंने सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन डीसी की यात्रा भी की थी.

कांग्रेस नेता ने कहा, ”हमारे देश में एक समस्या है, जो मैं आपको बताऊंगा. भाजपा और आरएसएस भविष्य की ओर देखने में अक्षम हैं. वे अक्षम हैं. उनसे आप कुछ भी पूछो, वे पीछे की ओर देखते हैं.” उन्होंने देश के सबसे बड़े रेल हादसों में एक ओडिशा ट्रेन हादसे का उल्लेख करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि अगर आप भाजपा से पूछेंगे कि ट्रेन हादसा क्यों हुआ, वे कहेंगे कि कांग्रेस पार्टी ने 50 साल पहले ऐसा किया था, इसलिए हुआ.

गौरतलब है कि ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना में कम से कम 275 लोगों की मौत हो गई है. घटना के बाद रेलवे सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. इस दुर्घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग भी उठ रही है. राहुल ने कहा कि अगर आप भाजपा से पूछेंगे कि उन्होंने पाठ्यपुस्तकों से ‘पीरियॉडिक टेबल (आवर्त सारणी)’ क्यों हटाई, तो वे कांग्रेस पार्टी द्वारा 60 साल पहले किए किसी काम का जिक्र करेंगे. उन्होंने कहा, ”उनकी पहली प्रतिक्रिया पुरानी बातों का जिक्र करने की ही होती है.” राहुल ने कहा कि कोई ‘रियरव्यू मिरर’ देखकर कार नहीं चला सकता, क्योंकि इससे तो केवल ‘एक के बाद एक हादसे ही होंगे’.

उन्होंने कहा, ”यही नरेन्द्र मोदी के साथ हो रहा है. वह भारतीय कार चलाने की कोशिश कर रहे हैं और वह केवल रियरव्यू मिरर में देखते हैं. इसलिए उन्हें समझ नहीं आ रहा कि यह कार हादसे का शिकार क्यों हो रही है और क्यों आगे नहीं बढ. रही है. भाजपा और आरएसएस के साथ भी यही है, उन सभी के साथ….” कांग्रेस पार्टी के सदस्यों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच राहुल ने कहा, ”आप उनकी बातों को सुनें. उनके मंत्रियों की बातें सुनें, प्रधानमंत्री की बात सुनें. आप उन्हें कभी भविष्य के बारे में बात करते नहीं पाएंगे. वे केवल अतीत की बात करते हैं और अतीत से किसी न किसी को दोषी ठहराते हैं.”

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान जब एक ट्रेन हादसा हुआ था, तो उनकी पार्टी ने यह नहीं कहा था कि ”ट्रेन हादसा अंग्रेजों की गलती की वजह से हुआ. बल्कि मुझे याद है कि कांग्रेस के मंत्री ने कहा था कि ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुई, यह मेरी जिम्मेदारी है और मैं इस्तीफा दे रहा हूं”.

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत में दो विचारधाराओं की लड़ाई है, जिसमें एक तरफ महात्मा गांधी हैं और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे.
राहुल (52) ने कहा, ”देश में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई है… एक जिस पर कांग्रेस विश्वास करती है और दूसरी जिसे भाजपा तथा आरएसएस मानती है. मुझे लगता है कि इसकी व्याख्या करने का सबसे सरल तरीका यह है कि एक तरफ आपके पास महात्मा गांधी हैं और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे.” महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि एक ओर आपके जैसा एक ‘बहादुर इंसान’ है, तो दूसरी तरफ गोडसे है.

उन्होंने कहा, ”एक तरफ एक बहादुर व्यक्ति है, जो आपके जैसा एनआरआई है, जो दरअसल, विगत अनेक वर्षों में भारत का सबसे प्रभावशाली, विनम्र और सादगी भरा एनआरआई रहा…एक ऐसा व्यक्ति जो दूरदर्शी था… जो भारत में विश्वास रखता था, जिसने अहिंसा का प्रसार किया और सत्य की खोज की. यही वह विचारधारा है, जिसका हम पालन करते हैं. यही वह विचारधारा है, जिसका इस कमरे में बैठे आप सभी पालन करते हैं.”

पूर्व सांसद ने कहा, ”दूसरी ओर नाथूराम गोडसे है… हिंसक, क्रोधित, अपने खुद के जीवन की वास्तविकता का सामना करने में असमर्थ. गांधी को उसने इसलिए गोली मारी, क्योंकि उसे अपने जीवन का मकसद नहीं पता था. इसलिए उसने अपना गुस्सा किसी और पर निकाला, उसने एक ऐसे व्यक्ति पर अपना गुस्सा निकाला, जो भारत की मूल भावना का प्रतिनिधित्व करता है.” उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी खुले विचार, आधुनिक खयाल वाले व्यक्ति थे और गोडसे केवल अतीत की बात करता था.

राहुल ने कहा, ”वह गुस्से व घृणा से भरा था और सच कहूं, तो वह डरा हुआ था. वह कायर था.” उन्होंने कहा कि भारत में चुनौती यह है कि ‘हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला हो रहा है’. राहुल ने कहा, ”हमारे संस्थानों, हमारे न्याय तंत्र, हमारी मीडिया पर व्यापक स्तर पर हमले हो रहे हैं और भारत के विचार की रक्षा करना आपकी तथा हमारी जिम्मेदारी है.” उन्होंने कहा, ”भारत का केंद्र हमारा संविधान और हमारा लोकतंत्र है. आधुनिक भारत हमारे संविधान तथा हमारे लोकतंत्र के बिना कायम नहीं रह सकता.”

कांग्रेस नेता ने कहा कि जब वह ऐसी जनसभाओं में हिस्सा लेते हैं, तो वह ऐसे लोगों से मिलते हैं, जो भारत की अवधारणा, देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों, संविधान में विश्वास करते हैं…जो मानते हैं कि ”हमें एक-दूसरे के प्रति स्नेहपूर्ण भावना रखनी चाहिए, हमें एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए”.

राहुल ने कहा, ”हमारे देश में समस्या यह है कि हम बहाने बनाते हैं. हम सच्चाई को स्वीकार कर उसका सामना नहीं करते. वास्तविकता यह है कि बेरोजगारी बढ. रही है और हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे सभी युवा कुछ करें और उन्हें नौकरी मिले.” उन्होंने कहा, ”मेरे यहां आने की एक वजह यह है कि अगर हम एक ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते हैं, जहां अधिकतर युवाओं को रोजगार मिले…तो इसके लिए मुझे लगता है कि हमें भारत और अमेरिका के बीच पुल स्थापित करने के बारे में सोचना चाहिए. …हमारी साझेदारी किस बात पर केंद्रित हो और हम चीन द्वारा पेश चुनौतियों का सामना कैसे करें.”

उन्होंने कहा कि इस बात पर गौर करना होगा कि गतिशीलता में हो रहे आमूल-चूल बदलाव को लेकर हमारी क्या राय है, ”डेटा व संपर्क में हो रही क्रांति पर हमारी क्या राय है और विश्व की ऊर्जा प्रणाली में हो रहे बदलावों पर हम क्या सोचते हैं. हमें इन बातों पर चर्चा करनी चाहिए”. राहुल ने कहा कि भारतीय धर्म या जाति से परे रहकर हमेशा एक दूसरे की मदद करते हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा, ”आप कहेंगे कि अगर आपको मदद चाहिए, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस धर्म से नाता रखते हैं. मैं भारतीय हूं और मैं आपकी मदद करूंगा. लोगों से बुरा व्यवहार करना, अहंकारी होना, हिंसक होना, ये भारतीय संस्कार नहीं हैं. ये भारतीय संस्कार नहीं हैं. अगर वे भारतीय मूल्य होते, तो हम महात्मा गांधी, गुरु नानक और (डॉ. भीमराव) आंबेडकर के सिद्धांतों को नहीं मानते.”

उन्होंने कहा कि एक नया चलन है, ”खुद को भारतीय बताने के लिए आपको नफरत से भरा होना होगा. खुद को भारतीय बताने के लिए गाली देनी होगी, लोगों को पीटना होगा. हालांकि, यह एक भारतीय होने का तात्पर्य नहीं है. यह कुछ और है और हम इसे भारतीय मानने से इनकार करते हैं.” राहुल ने कहा कि वह अमेरिका के और शहरों की भी यात्रा करना चाहते हैं और अमेरिका के प्रवासियों के साथ संबंध स्थापित करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ”मेरा इरादा आपके साथ स्नेहपूर्ण, प्रेम भरा रिश्ता कायम करना है.. जहां आप मुझसे कह सकें कि राहुल हम यह सोचते हैं, आपको अमेरिका के साथ रिश्तों के बारे में इस तरह सोचना चाहिए.” प्रधानमंत्री मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”मैं आपको अपनी राय बताने में अधिक रुचि नहीं रखता. मैं यहां ‘मन की बात’ नहीं करना चाहता.” राहुल ने कहा, ”मैं पीछे देखने में नहीं, बल्कि आगे देखने और अपने भाइयों-बहनों से यह कहने में रुचि रखता हूं कि हम कैसे प्रभावी तरीके से आगे बढ. सकते हैं और कैसे एक देश के तौर पर प्यार व स्नेह बांट सकते हैं…कैसे लोगों के प्रति दयालु रुख अपना सकते हैं? मुझे इसी में ही रुचि है.”

राहुल के संबोधन के दौरान एक व्यक्ति खालिस्तान का झंडा लेकर खड़ा हो गया. इस पर उन्होंने कहा, ”नमस्कार, आपका दिन शुभ हो.” दर्शकदीर्घा में बैठे लोगों ने उस व्यक्ति को सभागार से बाहर जाने का इशारा किया. हालांकि राहुल ने कहा, ”यह कांग्रेस पार्टी की ताकत है. हम हिंसा नहीं कर रहे. हम उग्र नहीं हो रहे. हम बुरा बर्ताव नहीं कर रहे. यह हमारी ताकत है. क्या हम उस पर चिल्लाए? नहीं, हमने ऐसा नहीं किया. हम अपना व्यवहार नहीं बदलते, क्योंकि आप नफरत से नफरत को नहीं हरा सकते. यह नामुमकिन है.” इस दौरान उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान दिए अपने नारे ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ का भी जिक्र किया.

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