अडाणी मामला: कांग्रेस ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया, संसद की कार्यवाही भी बाधित रही
अडाणी समूह की कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण आधा हुआ, गिरावट जारी
नयी दिल्ली. कांग्रेस ने अडाणी समूह के खिलाफ ‘ंिहडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले को लेकर सोमवार को देशभर में प्रदर्शन किया और संसद के दोनों सदनों में भी हंगामा किया जिस वजह से कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी.
मुख्य विपक्षी दल ने इस मामले पर संसद में चर्चा की मांग को दोहराया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस पूरे प्रकरण पर जवाब देना चाहिए.
दूसरी तरफ, कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन के परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया तथा संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच कराए जाने की मांग की.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सोमवार को इस विषय को लेकर प्रधानमंत्री पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि भाजपा चर्चा नहीं होने दे रही है क्योंकि वह डरी हुई है.
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘मोदी जी पूरी कोशिश करेंगे कि संसद में अडाणी जी पर चर्चा नहीं हो. इसका कारण आप जानते हैं? पूरी कोशिश होगी कि चर्चा नहीं हो.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं पिछले दो तीन साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं. मैं चाहता हूं कि चर्चा हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. लाखों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, और ंिहदुस्तान के बुनियादी ढांचे पर कब्जा किया गया है. अडाणी जी के पीछे कौन सी शक्ति है वो भी देश को पता लगना चाहिए.’’ अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर कांग्रेस ने सभी जिलों में भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया तथा आम लोगों की बचत की सुरक्षा की मांग की.
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट को एक कंपनी तक केंद्रित मामला बताते हुए कहा गत रविवार को कहा था कि शेयर बाजार को स्थिर रखने के लिए सेबी और रिजर्व बैंक जैसे नियामकों को हमेशा चौकस रहना चाहिए. संसद परिसर में प्रदर्शन से पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में बैठक कर विपक्षी नेताओं ने साझा रणनीति पर चर्चा की. बैठक के बाद विपक्षी सदस्यों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया.
विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति, आम आदमी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), द्रमुक, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और कुछ अन्य दलों के नेता शामिल हुए. तृणमूल कांग्रेस के सदस्य विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा प्रदर्शन में शामिल हुईं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय ंिसह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लाखों करोड़ रुपये डूब गए. क्या यह विषय सदन में चर्चा के लायक नहीं है? राज्यसभा में नियम 267 का प्रावधान क्यों किया गया है? क्या यह विषय नियम 267 के तहत नहीं आता? संप्रग सरकार में भारतीय जनता पार्टी को अनेक विषयों पर चर्चा की अनुमति दी गई थी.’’ कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों-प्रमोद तिवारी, सैयद नासिर हुसैन और अमी याग्निक ने अडाणी समूह से जुड़े प्रकरण की पृष्ठभूमि में सदन में नियम 267 के तहत प्रश्नकाल और दूसरे विधायी कार्यों को स्थगित कर चर्चा कराए जाने की मांग की थी.
इस विषय पर गत सप्ताह दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने और चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया था जिस कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी. संसद का बजट सत्र गत मंगलवार, 31 जनवरी से शुरू हुआ है. सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक होगा. 14 फरवरी से 12 मार्च तक सदन की कार्रवाई नहीं होगी और इस दौरान विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समितियां अनुदान मांगों की समीक्षा करेंगी और अपने मंत्रालयों तथा विभागों से संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगी. बजट सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होकर छह अप्रैल तक चलेगा.
अडाणी समूह की कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण आधा हुआ, गिरावट जारी
अडाणी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा. इस गिरावट के बीच समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित रूप से बाजार पूंजीकरण नौ कारोबारी दिनों में 9.5 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह के शेयरों को लेकर बाजार की धारणा खराब हुई है जिससे इन शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
सप्ताह के पहले दिन का कारोबार बंद होने पर अडाणी समूह की दस में से छह कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे. अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर 10 प्रतिशत टूट गया जबकि अडाणी टोटल गैस, अडाणी पावर, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी विल्मर के शेयरों में पांच-पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 0.74 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ. हालांकि शुरुआती कारोबार में इसका शेयर 9.50 प्रतिशत नीचे आ गया था लेकिन बाद में इसकी स्थिति सुधर गई. समूह की चार कंपनियों ने गिरावट के रुख के बीच भी बढ़त दर्ज की. इनमें अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड में 9.46 प्रतिशत की तेजी हासिल करने में सफल रही. अंबुजा सीमेंट में 1.54 प्रतिशत, एसीसी में 2.24 प्रतिशत और एनडीटीवी में 1.37 प्रतिशत का सुधार देखा गया.
स्टॉक्सबॉक्स के शोध प्रमुख मनीष चौधरी ने कहा कि पिछले नौ कारोबारी दिनों में समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 9.5 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 49 प्रतिशत तक गिर चुका है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने और एफपीओ को वापस लेने से कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा है.
अमेरिका की ‘शॉर्ट सेलर’ फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर का आरोप लगाया गया था. उसके बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया. हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि वह सभी कानूनों और खुलासा अनिवार्यताओं को पूरा करता रहा है.