भाजपा की विचारधारा के केंद्र में ‘कायरता’ है : राहुल गांधी

लंदन. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर एक बार फिर से प्रहार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि सत्तारूढ़ दल ‘‘नफरत और हिंसा की विचारधारा’’ का अनुसरण कर रहा है और उसकी विचारधारा के केंद्र में ‘‘कायरता’’ है. राहुल ने रविवार को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) की ब्रिटेन इकाई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा एक साक्षात्कार में दिये गए बयान का जिक्र करते हुए यह कहा.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भाजपा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी (भाजपा की) ‘‘नफरत और हिंसा की विचारधारा है, एक अशिष्ट विचारधारा जो लोगों के विचारों को लेकर उन पर हमले करती है. आपने एक चीज जरूर गौर की होगी कि यह भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के स्वभाव में है.’’

राहुल (52) ने जयशंकर द्वारा एक साक्षात्कार के दौरान की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यदि आपने विदेश मंत्री के बयान पर गौर किया होगा, तो आपने पाया होगा कि उन्होंने कहा था, ‘चीन हमसे अधिक शक्तिशाली है’. यह जानते हुए कि चीन हमसे (भारत से) अधिक शक्तिशाली है, हम उससे कैसे लड़ाई मोल ले सकते हैं? इस विचारधारा के केंद्र में कायरता है.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि (विनायक दामोदर) सावरकर ने अपनी पुस्तक में लिखा था कि एक बार उन्होंने और उनके मित्रों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई कर दी और उस दिन उन्हें बहुत खुशी महसूस हुई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यदि पांच लोग एक व्यक्ति की पिटाई करते हैं और एक व्यक्ति को इससे खुशी मिलती है, तो यह सिर्फ कायरता ही है. यदि आप लड़ना चाहते हैं तो अकेले लड़िये.’’ भाजपा ने राहुल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने चीन की प्रशंसा कर विदेशी धरती से भारत को बदनाम किया है.

कैंब्रिज विश्वविद्यालय में एक हालिया व्याख्यान में राहुल ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है और उनकी तथा कई अन्य नेताओं की निगरानी की जा रही है. उनकी इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला था. भाजपा ने उन पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया था. कांग्रेस नेता ब्रिटिश संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ परिसर में एक कार्यक्रम के साथ अपनी ब्रिटेन यात्रा का इस हफ्ते समापन करने वाले हैं.

राहुल गांधी के उठाए मुद्दों पर संसद में चर्चा कराए सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने राहुल गांधी पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के हमले को लेकर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि अगर सरकार को राहुल गांधी की बातों में कुछ गलत लगता है, तो उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उसे संसद में चर्चा करानी चाहिए. पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि ठाकुर को उनके ‘नफरती बयानों’ के चलते सरकार में पदोन्नति मिली.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अनुराग ठाकुर को उनके नफरती बयान के बाद पदोन्नति मिली. उन्हें हमें पाठ नहीं पढ़ाना चाहिए.’’ सुप्रिया ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जहां जाते हैं, वहां देश के विपक्ष खिलाफ आग उगलते हैं. प्रधानमंत्री ने विदेशी धरती से कहा था कि 2014 से पहले लोग बोलते थे कि क्या पाप किया कि ंिहदुस्तान में पैदा हो गए. क्या इस बयान से वह ंिहदुस्तान की शान बढ़ा रहे थे? जब वह कहते हैं कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ तो वह स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और हर उस भारतवासी का अपमान करते हैं, जिसने दो जून की रोटी कमाकर भारत का निर्माण किया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने कहा कि एक दुनिया, जहां पर अमेरिका और चीन लड़ रहे हैं, वहीं ंिहदुस्तान का जो लोकतंत्र है, वो इस विश्व के लिए सौगात है और हमारी बड़ी अहम भूमिका होगी. इसको तो सिर-माथे लेना चाहिए और ताली बजानी चाहिए, लेकिन भाजपा के लोगों को, इनको (सरकार) समझ नहीं है.’’

सुप्रिया ने कहा, ‘‘आपको लगता है राहुल गांधी जी ने कुछ गलत कहा है, तो इस पर संसद में बात कर लेते हैं.’’ इससे पहले, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत में लोकतंत्र के ‘गायब’ होने और अमेरिका और यूरोपीय देशों से इसमें हस्तक्षेप की मांग संबंधी राहुल गांधी के बयान को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधा और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष से देश के साथ विश्वासघात नहीं करने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘आप भारत के साथ विश्वासघात मत कीजिए राहुल जी. भारत की विदेश नीति पर आक्षेप आपके निम्न बौद्धिक स्तर का परिचायक है. विदेशी जमीन पर जाकर अपने देश को बदनाम करने का आप जो प्रयास करते हैं, झूठ फैलाते हैं… इसको कोई मानेगा नहीं.’’ लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘‘बर्बर हमला’’ हो रहा है. उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं.

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