”क्यों 140 करोड़ देशवासियों को कहते हैं परिवार”, बंगाल में महिलाओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने सुनाया किस्सा
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बारासात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक पुराना किस्सा सुनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों तक मैं बिना एक पैसे के कंधे पर झोला लेकर घूमता रहा, लेकिन मैं एक दिन भी भूखा नहीं रहा।
इसीलिए मैं कहता हूं कि 140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के बारासात में ”नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम” को संबोधित करते हुए बताया कि आखिर वह पूरे देश को अपना परिवार क्यों मानते हैं। उन्होंने एक पुरानी घटना का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि जीवन का एक पहलू जिसके विषय पर मैं आमतौर पर नहीं बोलता हूं, लेकिन आज जब माताएं-बहनें बैठी हैं, तो मेरा बोलने का मन कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत छोटी आयु में एक झोला लेकर घर छोड़कर चला गया था। देश के कोने-कोने में भटक रहा था। मेरी जेब में कभी एक पैसा नहीं रहता था लेकिन, देशवासियों को जानकर गर्व होगा, मेरा देश कैसा है, मेरे देश की माताएं-बहनें कैसी हैं, मेरे देश का हर परिवार कैसा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जेब में एक पैसा नहीं होता था, ना भाषा जानता था। कंधे पर एक झोला लटका हुआ था और मैं देखता था कोई ना कोई परिवार, माताएं-बहनें पता नहीं क्या कारण है कि मुझसे पूछ लेते थे कि भाई-बेटा कुछ खाना खाया कि नहीं और आज मैं देशवासियों को बता रहा हूं कि मैं एक भी दिन भूखा नहीं रहा। इसीलिए मैं कहता हूं कि 140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार हैं।
संदेशखाली में टीएमसी ने किया घोर पाप
प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली घटना को लेकर टीएमसी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसी धरती पर तृणमूल के राज में नारी शक्ति पर अत्याचार का घोर पाप हुआ है। संदेशखाली में जो कुछ भी हुआ, उससे किसी का भी सिर शर्म से झुक जाएगा, लेकिन यहां की तृणमूल सरकार को आपके दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता। तृणमूल सरकार बंगाल की महिलाओं के साथ अत्याचार करने वाले गुनहगारों को बचाने के लिए पूरी शक्ति लगा रही है।
उन्होंने कहा कि पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से भी राज्य सरकार को झटका लगा है। गरीब, दलित, वंचित, आदिवासी परिवारों की बहन-बेटियों के साथ तृणमूल के नेता जगह-जगह अत्याचार कर रहे हैं। लेकिन, तृणमूल सरकार को अपने अत्याचारी नेता पर भरोसा है, बांग्ला बहन-बेटियों पर भरोसा नहीं है। इस व्यवहार से बंगाल की महिलाएं, देश की महिलाएं आक्रोश में हैं। नारी शक्ति के आक्रोश का ये ज्वार संदेशखाली तक ही सीमित नहीं रहने वाला। मैं देख रहा हूं तृणमूल के माफिया राज को ध्वस्त करने के लिए बंगाल की नारी शक्ति निकल चुकी हैं।