भारत और बांग्लादेश के आपसी विश्वास पर हमला करने वाली ताकतों का मिलकर मुकाबला करना होगा: मोदी
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश को मिलकर उन आतंकवादी तथा चरमपंथी ताकतों का सामना करना होगा जो दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास पर हमला कर सकती हैं. मोदी ने भारत यात्रा पर आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से द्विपक्षीय वार्ता के बाद यह बात कही. हसीना ने इस दौरान तीस्ता जल बंटवारे को लेकर जल्द समाधान पर पहुंचने की पुरजोर वकालत की.
मोदी ने कहा, ‘‘आज हमने आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ सहयोग पर भी जोर दिया. 1971 की भावना को जीवित रखने के लिए बहुत जरूरी है कि हम ऐसी ताकतों का मिलकर सामना करें जो हमारे आपसी विश्वास पर हमला करती हों.’’ दोनों पक्षों ने रेलवे, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, जल बंटवारा और संपर्क जैसे विविध क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये. हसीना की यात्रा की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने आतंकवाद और चरमपंथ को भारत-बांग्लादेश संबंधों में ‘बाधा और सुरक्षा खतरा’ बताया.
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर सहयोग बढ़ाने के लिए समग्र वार्ता की.
भारत और बांग्लादेश ने कुशियारा नदी के लिए एक अंतरिम जल बंटवारा समझौते पर भी हस्ताक्षर किये जो दक्षिणी असम और बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र के लोगों को लाभ पहुंचाएगा. गंगा जल संधि पर 1996 में हस्ताक्षर किये जाने के बाद दोनों देशों के बीच इस तरह का यह पहला समझौता है. हसीना ने तीस्ता जल बंटवारा समझौता होने में देरी को लेकर ंिचता भी जताई जो 2011 से लंबित है. तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया था.
मोदी ने यह भी कहा कि भारत और बांग्लादेश समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) पर भी जल्द बातचीत शुरू करेंगे.
क्वात्रा ने कहा कि 2026 तक बांग्लादेश के अल्प विकसित देशों की श्रेणी से निकलने और विकासशील देशों में शामिल होने से पहले सीईपीए समझौता होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में चीन की बढ़ती मौजूदगी के संबंध में दोनों नेताओं ने बहुत व्यापक विचार-विमर्श किया. क्वात्रा ने कहा, ‘‘इस संदर्भ में स्पष्ट आम समझ है कि दोनों देशों के संबंधों की रणनीतिक प्राथमिकताएं, भारत के हित और ंिचताएं तथा बांग्लादेश के हित और प्राथमिकताएं हमारी साझेदारी के सहयोगात्मक ढांचे में निहित हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी साझेदारी अपने खुद के गुणों पर टिकी है, अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देती है और हमारी साझा ंिचताओं को देखती है, फिर भले ही वे सुरक्षा संबंधी मुद्दों से जुड़ी हो.’’ हसीना ने भारत से खराब होने वाली खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर आश्वासन की अपेक्षा की और मित्रता पाइपलाइन की समीक्षा की जो उत्तर बांग्लादेश को हाईस्पीड डीजल की आपूर्ति करेगा.
इससे पहले राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हसीना का पारंपरिक स्वागत किया गया. मेहमान प्रधानमंत्री ने राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. हसीना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की.