अडाणी समूह ने 7,374 करोड़ रुपये का शेयर-समर्थित कर्ज चुकाया

नयी दिल्ली. कई तरह के विवादों में घिरे अडाणी समूह ने मंगलवार को कहा कि उसने शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए 7,374 करोड़ रुपये के कर्ज को चुका दिया है और इस तरह के अन्य ऋण का भी वह मार्च अंत तक भुगतान कर देगा. अडाणी समूह ने एक बयान में कहा कि 7,374 करोड़ रुपये के शेयर-सर्मिथत कर्ज को निर्धारित अवधि से पहले ही चुका दिया गया है जबकि इनकी अवधि अप्रैल, 2025 में पूरी होने वाली थी.

समूह ने कहा, ‘‘सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के एवज में लिए गए कर्ज को कम करने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता के अनुरूप इनको तय समय से पहले चुका दिया गया है.’’ समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज में प्रवर्तकों की चार प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी रखी गई थी जबकि अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड में उनकी 11.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बैंकों के पास गिरवी थी.

इनके अलावा अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड के 3.6 करोड़ शेयर भी गिरवी रखे गए थे जो प्रवर्तकों की 4.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसी तरह अडाणी ग्रीन एनर्जी के 1.1 करोड़ शेयर यानी प्रवर्तकों की 1.2 प्रतिशत हिस्सेदारी भी कर्जदाताओं के पास गिरवी रखी गई थी.
इन शेयरों के एवज में लिए गए कर्ज को चुकाने के बाद समूह की इन चार कंपनियों में प्रवर्तकों के शेयर उनके पास लौट आएंगे.
इसके पहले अडाणी समूह ने फरवरी की शुरुआत में भी कुछ कर्ज चुकाया था. बयान के मुताबिक, अभी तक अडाणी समूह ने 2.016 अरब डॉलर मूल्य का शेयर-सर्मिथत कर्ज चुका दिया है.

इसके साथ ही समूह ने कहा कि वह 31 मार्च, 2023 तक सभी शेयर-सर्मिथत कर्ज को चुकाने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता पर अडिग है. अमेरिकी फर्म ंिहडनबर्ग रिसर्च की गत 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट में अडाणी समूह पर वित्तीय धोखाधड़ी और शेयरों के भाव चढ़ाने में हेराफेरी करने के आरोप लगाए गए थे. हालांकि समूह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए नकार दिया था लेकिन उसकी कंपनियों के शेयरों के भाव लगातार गिरते चले गए.

हालत यह हो गई कि रिपोर्ट आने के एक महीने के भीतर अडाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 60 प्रतिशत से भी अधिक गिर गया. वैसे पिछले हफ्ते से इस गिरावट पर लगाम लगी है और फिर से शेयरों की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. अडाणी समूह पर कर्ज का भारी बोझ होने से उसकी वित्तीय सेहत को लेकर कई बार सवाल उठे हैं. पिछले चार साल में समूह का सकल कर्ज दोगुना हो चुका है. गत सितंबर में फिच समूह की इकाई क्रेडिटसाइट्स ने कहा था कि अडाणी समूह ने अपने विस्तार के लिए कर्ज का सहारा लिया है और अब वह हद से ज्यादा कर्ज में है. अडाणी समूह पर सकल कर्ज बढ़कर 2.21 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. समूह को अगले साल दो अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा बॉन्ड का भी भुगतान करना होगा.

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