Damoh : भगवान जागेश्वरनाथ जी को चढ़ाई गई हल्दी

दमोह : महाशिवरात्रि पर्व के एक दिन पूर्व गुरुवार को भगवान जागेश्वरनाथ जी को हल्दी चढ़ाई गई। बड़ी संख्या में सुबह से महिलाएं बांदकपुर पहुंची और भोलेनाथ को हल्दी का लेपन किया। जिस प्रकार से शादी में दूल्हे को हल्दी लगाते समय महिलाएं गीत गाती हैं, उसी तरह जागेश्वरनाथ जी को भी हल्दी लगाते समय महिलाएं गीत गाती नजर आई। ‘बना को चढ़ रव हरदी तेल बना मोरो पीरो पर गओ री’ इस तरह के गीत गाए गए।
दमोह और समूचे बुंदेलखंड के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र जागेश्वर धाम बांदकपुर में महाशिवरात्रि का पर्व आठ मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। दिन में भगवान भोलेनाथ की बरात निकेलगी और रात को शिव-पार्वती का विवाह धूमधाम से होगा। पूरे प्रदेश से कावाड़ियों के पहुंचने का क्रम जारी है। जिले के प्रमुख तीर्थ क्षेत्र देव श्री जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर के अलावा जटाशंकर धाम, मड़कोलेश्वर धाम, बड़ी देवी मंदिर, शिव शनि हनुमान मंदिर, फुटेरा तालाब स्थित प्राचीन शिव मंदिर, हटा नगर के गौरीशंकर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां जोरों से चल रहीं हैं। मंदिरों में रंग-रोगन किया गया है। जिलेभर में भगवान भोलेनाथ की बरात निकाली जाएगी। तीर्थ क्षेत्र बांदकपुर धाम में दमोह के अलावा आसपास के ग्रामीण अंचलों से एक दर्जन से अधिक बरातें पहुंचेंगी। जहां पर भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह धूमधाम से मनाया जाएगा। यहां पर मंदिर के पुजारियों द्वारा पूरे विधि-विधान एवं वैदिक रश्मों के साथ शिव-पार्वती के विवाह की रस्में पूरी कराई जाएगी। भगवान के विवाह समारोह को देखने के लिए रातभर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है। लोग इस क्षण को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

एक लाख कांवड़ चढ़ने पर मिलेंगे शिव-पार्वती मंदिर के ध्वज
तेरहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात भगवान जागेश्वर धाम बांदकपुर मंदिर में महाशिवरात्रि पर लाखों कांवड़ यात्री नर्मदा जल लेकर पहुंचते हैं। इस दिन जब एक लाख कांवड़ भगवान शिव को अर्पित हो जाती हैं तब शिव और पार्वती मंदिर के ध्वज आपस में मिलकर एक हो जाते हैं। इस नजारे को देखने प्रदेश भर से श्रद्धालु बांदकपुर पहुंचते हैं।

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