एमएसपी मुद्दे पर कृषि विरोधी कानूनों से बड़े आंदोलन की जरूरत : राकेश टिकैत

चंडीगढ. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी के लिए शुरू करना होगा. टिकैत ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सूरजमुखी के बीज खरीदने की मांग को लेकर मंगलवार को कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में एक राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने वाले प्रदर्शनकारी किसानों पर हरियाणा पुलिस के लाठीचार्ज की निंदा की.

उन्होंने कहा, ह्लएमएसपी की मांग करने वालों पर देश में यह पहला लाठीचार्ज हैह्व. उन्होंने कहा कि फसलों के लिए एमएसपी एक अखिल भारतीय मुद्दा है. भाकियू के नेता ने कहा कि शाहाबाद में शुरू हुआ संघर्ष राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचेगा क्योंकि हर किसान विभिन्न फसलों के लिए एमएसपी को लेकर चिंतित है.

टिकैत ने करनाल में संवाददाताओं से कहा, ह्लएमएसपी के लिए दिल्ली (अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन) से बड़ा आंदोलन करना होगा.ह्व किसानों से मिलने और सूरजमुखी के बीज पर एमएसपी की उनकी मांग का समर्थन करने के लिए टिकैत शाहाबाद पहुंचे. आरोपों को लेकर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि किसान संघ इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार और पहलवानों के बीच बातचीत के पक्ष में हैं.

इस बीच, ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया की अगुवाई में पहलवानों और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बीच बुधवार सुबह उनके दिल्ली स्थित आवास पर बैठक हुई. पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. सिंह पर कुछ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. पहलवान सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. टिकैत ने भी सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की.

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